
नई दिल्ली। आम लोगों के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( reserve bank of india ) में 2013 के बाद एक बार फिर से गोल्ड लोन लिमिट ( Gold Loan Limit ) को 90 फीसदी पर कर दिया है। यानी एक लाख रुपए के गोल्ड पर आपको किसी भी बैंक या एनबीएफसी से 90 हजार रुपए का लोन मिल सकता है। वहीं दूसरी ओर गोल्ड पर मुनाफा ( Profit Booking on Gold ) कमाने वालों का काला खेल भी शुरू हो जाएगा। जी हां, यह एक ऐसा खेल है, जिसमें इंवेस्टमेंट कम और मुनाफा कई गुना ज्यादा है। 2011 में इसी तरह के खेल की वजह से सरकार ने लोन लिमिट को 75 फीसदी कर दिया था, लेकिन इस बार ऐसे लोगों के लिए 7 महीने का समय है। गोल्ड लोन पर यह सुविधा 31 मार्च तक होगी। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर गोल्ड लोन पर मुनाफे का काला खेल कैसे खेला जाता है।
उदाहरण से समझना होगा
नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर गोल्ड में कारोबार करने वाली फर्म प्रमुख के अनुसार आरबीआई की यह सुविधा कई लोगों के लिए मुनाफे का काला खेल खेलने का बढिय़ा मौका है। ऐसे लोग एक लाख सोना खरीदेंगे। उस पर वो 90 हजार का लोन ले लेंगे। उस 90 हजार में 10 हजार रुपए और मिलाकर दूसरी दुकान से गोल्ड खरीदेंगे। उसपर दूसरे बैंक से फिर 90 हजार रुपए का लोन उठा लेंगे। अगर वो ऐसा चार दुकानों में करते हैं और चार बैंक और एनबीएफसी से लोन उठाते हैं तो उसकी गोल्ड में इंवेस्टमेंट 1.40 लाख हो जाती है, लेकिन सोना 4 लाख रुपए का हो जाता है।
फिर शुरू होता है मुनाफे का खेल
मान लीजिए जब सोना खरीदा गया था और उस पर लोन लिया गया तो दाम 40 हजार रुपए प्रति दस ग्राम था। उसके बाद मुनाफाखोर या ब्लैक मार्केटिंग करने वाले बैंक या एनबीएफसी से कहता है कि वो लोन की ईएमआई चुकाने की स्थिति में नहीं है। सोना बेचकर आप अपना रुपया ले लो और बाकी रकम मुझे वापस कर दी जाए। ऐसे में जब बैंक और एनबीएफसी उस सोने को दो या तीन महीने के बाद बेचता है, और सोना 60 हजार रुपए प्रति दस ग्राम हो जाता है, तो एक लाख रुपए के इंवेस्ट किए हुए सोने के बदले एक लाख 50 हजार रुपए का मिलते हैं। बैंक अपने रुपए के साथ 10 फीसदी का ब्याज मिलाकर यानी करीब 1 लाख रुपए रख लेता है। बाकी 50 हजार रुपए वापस कर देता है।
चार बैंकों में ऐसा करने से कमाए 2 लाख रुपए
जैसा की हमने आपको बताया कि अगर आप ऐसा 4 बैंकों या एनबीएफसी करते हैं और वही तरीका सभी बैंकों के साथ अपनाते हैं तो आप 2 लाख रुपए कमा लेंगे। यानी आपने 1.40 लाख हजार रुपए का इंवेस्ट किया, जिसपर आपने 4 लाख रुपए का सोना खरीदकर 3.60 हजार रुपए का लोन लिया। फिर आपने सोने के दाम बढऩे के बाद लोन बंद कराने के लिए बैंक को सोना बेचने के लिए बोल दिया। उस स्थिति में आपको उपर दिए गए कैल्कुलेशन के हिसाब से प्रत्येक बैंक से 50 हजार रुपए यानी चार बैंकों से दो लाख रुपए का फायदा हो जाएगा।
बस एक शर्त है
इस मुनाफाखोरी के खेल में शर्त है यह है कि सोने के दाम में इजाफा उसी तरीके का होना चाहिए जिस तरह की उम्मीद एक्सपर्ट कर रहे हैं। जानकारों के अनुसार सोने के दाम में आने वाले 6 महीनों में 65 हजार रुपए से लेकर 70 रुपए प्रति दस ग्राम तक जा सकते हैं। ऐसे में मुनाफाखोरों की चांदी हो जाएगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो मुनाफाखोरों का खेल उल्टा भी पड़ सकता है। जैसा कि गोल्ड कारोबार में मौजूदा तेजी देखने को मिल रही है आने वाले दिनों में कुछ ऐसे ही रहने के आसार देखने को मिल रहे हैं।
कहीं बिगड़ ना जाए सरकार की कहानी
वहीं सरकार की ओर जो राहत आम लोगों को दी गई है वो ब्लैक मार्केटिंग या मुनाफा कमाने वाले लोग फ्लॉप भी कर सकते हैं। ऐसा पहले भी देखा जा चुका है। जानकारों की मानें तो 2011 में इसी तरह की ब्लैक मार्केटिंग देखने को मिली थी। मंदी के दौर में इस तरह की मुनाफा वसूली बाजार के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है। अगर ऐसा ना होता तो सरकार को उस समय लोन लिमिट को 90 फीसदी से घटाकर 75 फीसदी करने की जरुरत ही ना पड़ती।
Updated on:
06 Aug 2020 08:42 pm
Published on:
06 Aug 2020 04:16 pm
बड़ी खबरें
View Allफाइनेंस
कारोबार
ट्रेंडिंग
