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RBI गवर्नर शक्तिकांत दास को उम्मीद, जल्द रफ्तार पकड़ेगा NBFC सेक्टर

NBFC सेक्टर की हालत सुधरने को लेकर RBI गवर्नर को उम्मीद। IL&FS संकट के इस सेक्टर में नकदी की भारी कमी रही थी। RBI से लेकर सरकार तक इस सेक्टर में जान फूंकने के प्रयास में।

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Shaktikant Das

नई दिल्ली।भारतीय रिजर्व बैंक ( reserve bank of india ) के गर्वनर शक्तिकांत दास ( Shaktikant Das ) ने कहा है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ( Non-Banking Financial Companies ) में क्रेडिट फ्लो रफ्तार पकड़ने वाली। दास ये ने यह बात शुक्रवार को बिजनेस स्टैंडर्ड से एक इंटरव्यू में कही है। इस सेक्टर में नकदी की समस्या खड़ी होने के बाद केंद्रीय बैंक बीते कुछ समय से टाॅप 50 एनबीएफसी कंपनियों पर नजर बनाये हुये है।

इंटरव्यू के दौरान दास ने कहा, "मुझे लगता है कि बहुत जल्द इस सेक्टर में क्रेडिट फ्लो में तेजी आयेगी।"

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IL&FS संकट के बाद नकदी की कमी

उल्लेखनीय है कि पिछले साल सितंबर माह में इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड लीजिंग फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) संकट सामने आने के बाद गैर-बैंकिंग कंपनियां तरलता की कमी से जूझ रही हैं। आईएलएंडएफएस भी भी उन टाॅप 50 एनबीएफसी सूमह का हिस्सा था, जिसपर आरबीआई की नजर थी। IL&FS संकट सामने आने के बाद फ्रेश फंडिंग न मिलने की वजह से इन कंपनियों का कारोबार लगभग ठप हो गया है। परिणामस्वरूप देश के आर्थिक ग्रोथ पर इसका बुरा असर देखने को मिला है।

एनबीएफसी सेक्टर को आरबीआई व सरकार का साथ

इसी माह के शुरुआत में अपने बजट में सरकार ने टाॅप रेटेड एनबीएफसी को उनके पहले 10 फीसदी नुकसान पर क्रेडिट गारंटी देने का ऐलान किया था। वहीं, आरबीआई ने भी बैंकाें को करीब 13.4 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त लिक्विडिटी उपलब्ध कराया है ताकि वे एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के संपत्तियां खरीद सकें। शक्तिकांत दास ने कहा कि बहुत जल्द ही इसका साकारात्मक असर देखने को मिलेगा।

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दास ने क्या कहा

दास ने कहा, "हमने बैंकाें को साफ तौर पर सुनिश्चित किया है कि एनबीएफसी सेक्टर को देने के लिए पर्याप्त तरलता मुहैया कराया जायेगा। मुझे लगता है कि अपने हिसाब से एक-एक एनबीएफसी का आंकलन कर रहे हैं और बहुत जल्द यह लेंडिंग साइकिल रफ्तार पकड़ सकता है।"

इस साल 75 आधार अंक कम हुआ है रेपो रेट

बैंकों द्वारा मौद्रिक नीति ट्रांसमिशन को फायदा ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए उन्होंने कहा कि ब्याज दरों में कटौती का फायदा ग्राहकों को फौरन पहुंचाया जायेगा। कम से कम नए लाेन लेने वालों के लिए यह कर ही दिया जायेगा। बता दें कि इस साल यानी 2019 में अपने तीन बैठकों में आरबीआई ने रेपो रेट में 75 आधार अंकों की कटौती की है। साथ ही आरबीआई ने नीतिगत रुख को भी न्यूट्रल से उदार किया है ताकि ग्रोथ को बढ़ाव मिल सके और महंगाई भी सीमित दायरे में रहे।