
stamp duty on mutual fund
नई दिल्ली : 1 जुलाई से कई सारे नियमों में बदलाव हुआ तो कुछ नए नियम लागू हुए हैं। इन्हीं में एक नया नियम म्युचुअल फंड ( Mutual Fund ) से रिलेटेड है। अब म्युचुअल फंड ( Mutual Fund ) खरीदने पर आपको स्टांप ड्यूटी लगना शुरू हो गई है । जिसक मतलब है कि म्यूचुअल फंड ( MF ) खरीदने, लाभांश ( Dividend ) के दोबारा निवेश और दूसरे म्यूचुअल फंड खरीदने पर अब 0.005 प्रतिशत की दर से स्टांप शुल्क देना होगा। इसके अलावा अगर एक डीमैट अकाउंट ( demat account ) से दूसरे डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर होगा तो यूनिटों के ट्रांसफर पर 0.015 प्रतिशत की दर से ड्यूटी लगेगी। लेकिन अगर आप म्युचुअल फंड यूनिट खत्म करेंगे तो आपको किसी प्रकार का टैक्स नहीं दोना होगा।
इस नियम के जरिए हुआ बदलाव- सरकार ने भारतीय स्टांप अधिनियम 1899 में संशोधन कर स्टांप ड्यूटी लगाने का प्रावधान किया है। यह प्रावधान वित्त विधेयक 2019 के जरिये हुआ है। इस नियम के लागू होने के बाद हर एक लाख पर आपको 5 रूपए की ड्यूटी देनी होगी जो MF खरीदते वक्त ही आपसे ले ली जाएगी।
ड्यूटी का निवेशकों ( INVESTORS ) पर कैसा असर होगा इसके नतीजे बंटे हुए हैं। कुछ फाइनेंस एक्सपर्ट्स ( FINANCE EXPERT ) का मानना है कि ड्यूटी इतनी कम है कि निवेशकों के फैसलों को ये प्रभावित नहीं करेगा। लेकिन अगर आपका निवेश करोड़ों का है तो आपको ये टैक्स पता चलेगा। तो वहीं एक दूसरा वर्ग है जो मानता है कि चूंकि यूनिट आपको ड्यूटी कटने के बाद मिलेगी इसलिए इसका असर पता चलेगा। तो वहीं कुछ लोगों का मानना इसका असर यूनिट रखने की मियाद पर निर्भर करेगा।
Updated on:
02 Jul 2020 01:34 pm
Published on:
02 Jul 2020 01:23 pm
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