
sukanya samriddhi yojna
नई दिल्ली: आज भी हमारे समाज में लड़कियों की स्थिति के लिए काम करने की बेहद जरूरत है। मां-बाप को अपने बेटों से कहीं ज्यादा बेटियों फिक्र होती है और सरकारों को भी । इसीलिए सरकारें बदलती रहती है और हमारे सामने बेटियों के बेहतर और सुरक्षित भविष्य के लिए नई-नई योजनाएं भी आती रहती है। ऐसी ही एक योजना मोदी सरकार ने चलाई है सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana)। सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के बेहतर भविष्य के लिए सरकार द्वारा लाई गई एक बेहतरीन योजना है। टैक्स बचत के साथ-साथ इसके और भी कई सारे लाभ हैं।
इस योजना के तहत अकाउंट होल्डर अपने अकाउंट में एक फाइनेंशियल ईयर में कम से कम 250 रुपये और मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये निवेश कर सकता है। अब सरकार ने इस स्कीम के नियमों में कुछ बदलाव किया है। जिन्हें जानना इस स्कीम में इंवेस्ट ( INVEST IN SSY ) करने वालों के लिए जरूरी है।
किन नियमों में हुआ बदलाव-
दरअसल जैसा कि हमने आपको बताया कि इस स्कीम के तहत 250 रूपए कम से कम पूरे साल में जमा करने ही होते हैं । अगर कोई अकाउंट होल्डर ऐसा नहीं कर पाता है तो उसे डिफॉल्टर माना जाता है। अब ऐसे डिफॉल्ट अकाउंट में जमा रकम पर वही इंट्रेस्ट रेट मिलेगा, जो स्कीम के लिए तय किया गया होगा। सुकन्या समृद्धि योजना ( SSY ) खाते पर 8.7% का ब्याज मिलता है । पहले डिफॉल्ट अकाउंट पर इंट्रेस्ट रेट पोस्ट ऑफिस बचत खाते पर मिलने वाले ब्याज दर (पोस्ट ऑफिस बचत खाते पर 4% है।) के बराबर मिलता था।
इसके अलावा पहले इस अकाउंट को मैच्योरिटी से पहले सहानुभूति के आधार पर बंद किया जा सकता था ( बच्ची के अभिभावक की मौत या जानलेवा बीमारी होने की सूरत में ) लेकिन अब ऐसा नहीं किया जा सकता है। साथ ही अब अकाउंट होल्डर बच्ची 18 साल की होने पर ही अकाउंट खुद से ऑपरेट कर सकती है पहले 10 साल के बाद से बच्चियो को ये अधिकार मिल जाता था । अब अकाउंट की जिम्मेदारी मिलने के लिए पोस्ट ऑफिस में उसकी उम्र के कागजातों को पेश करना होगा।
Updated on:
22 Apr 2020 10:06 pm
Published on:
22 Apr 2020 10:05 pm
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