जानकारी के अनुसार फाइनेंस मिनिस्ट्री को डायरेक्ट टैक्स कोड पर अपनी रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में टास्क फोर्स ने 5 लाख की इनकम पर कोई टैक्स ना लगाने को एक बेहतर नीति बताया है। टास्क फोर्स ने कहा है कि जिस तरह का माहौल है बेहतर होगा कि टैक्सेबल इनकम पर इस छूट को 6 लाख रुपए कर दी जाए।
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जानकारों की मानें तो अगर किसी व्यक्ति की इनकम 8 से 10 लाख रुपए की आमदनी होती है। उसके बाद इनकम टैक्स निवेश छूट के तहत निवेश करता है और उसकी टैक्सेबल इनकम 6 लाख रुपए तक आ जाती है तो 6 लाख रुपए पर इनकम टैक्स देय होता है तो उसे कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
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वहीं दूसरी स्थिति में यह टैक्सेबल इनकम 6 लाख रुपए से ज्यादा की बनती है तो फिर तय टैक्स स्लैब के तहत इनकम टैक्स चुकाना होगा। सूत्रों की मानें तो टास्क फोर्स का कहना है कि सरकार को इनकम टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के साथ निवेश भी बढ़ाने की जरूरत है।