
GST के दो साल : मोदी सरकार पेश करेगी कुछ नए सुधार, रिटर्न फॉर्म सिस्टम में भी होंगे बदलाव
नई दिल्ली।मोदी सरकार ( Modi govt ) ने अपने पहले कार्यकाल में देश में एक कर की व्यवस्था ( Single tax system ) को लागू किया था। जीएसटी ( GST ) की इस व्यवस्था को लागू किए हुए दो साल पूरे हो गए हैं। जीएसटी ( goods and service tax ) के दो साल पूरे होने की खुशी में आज यानी एक जुलाई को पीएम मोदी ( Pm Modi ) एक बार फिर टैक्स से जुड़े नियमों में बदलाव कर सकते हैं। इसमें नया रिटर्न सिस्टम ( ITR System ) भी लागू किया जा सकता है। इसके अलावा कैश लेजर सिस्टम को भी बढ़ावा दिया जा सकता है।
लागू किया जा सकता है नया रिटर्न फॉर्म
वित्त मंत्रालय ( finance ministry ) ने रविवार को इस बारे में विज्ञप्ति जारी कर दी है। मंत्रालय ने विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि सोमवार को वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ( Anurag Thakur ) विभिन्न विभागों के सचिवों और अधिकारियों से बातचीत करेंगे और जीएसटी में देश की आम जनता को कुछ राहत दे सकते हैं। जीएसटी लागू होने के दो साल के मौके पर ट्रायल बेसिस पर नया रिटर्न फॉर्म सिस्टम लागू किया जा सकता है और 1 अक्तूबर से इसे अनिवार्य किया जा सकता है।
गेमचेंर के रूप में सामने आया जीएसटी
जीएसटी पर बोलते हुए वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारत जैसे देश में एक कर व्यवस्था गेम चेंजर के रूप में सामने आई है। जीएसटी के लागू होने से देश की अर्थवयवस्था में काफी बदलाव हुए हैं। इसके अलावा टैक्स और काले धन के मोर्चे पर भी भारत को कुछ राहत मिली है। आने वाले समय में देश में जीएसटी कलेक्शन ( GST Collection ) के भी बढ़ने की उम्मीद लगाई जा रही है।
टैक्स सिस्टम को बनाया आसान
जीएसटी के लागू होने के बाद से मल्टी-लेयर्ड वाले जटिल इनडायरेक्ट टैक्स ढांचे को सरल, पारदर्शी और टेक्नॉलजी फ्रेंडली बना दिया गया है। मंत्रालय के मुताबिक, 'छोटे टैक्सपेयर्स के लिए सहज और सुगम रिटर्न्स का प्रस्ताव दिया गया है।' इसके अलावा मंत्रालय ने बताया कि सरकार एक सिंगल रिफंड-डिस्बर्सिंग मैकनिज्म को पेश करेगी जिसके तहत सभी चार बड़े मदों CGST, SGST, IGST और सेस के लिए रिफंड को मंजूरी मिलेगी।
20 नई मदों को किया जाएगा शामिल
जीएसटी में छोटे करदाताओं के लिए सहज और सुगम रिटर्न का प्रस्ताव दिया गया है, जिससे कि वह लोग भी आसानी से टैक्स भर सकें। नकद खाते को तर्कसंगत बनाते हुए 20 मदों को पांच प्रमुख मदों में शामिल किया जाएगा। कर, ब्याज, जुर्माना, शुल्क और अन्य चीजों के लिए सिर्फ एक नकद बहीखाता होगा। इसके अलावा सरकार सिंगल रिफंड डिस्बर्सिंग मैकेनिज्म पेश करेगी, जिसके तहत सभी चार बड़े मदों सीजीएसटी, एसजीएसटी, आईजीएसटी और सेस के लिए रिफंड को मंजूरी मिलेगी।
सामान सप्लायर्स को भी मिलेगी राहत
मंत्रालय के मुताबिक, राज्यों की इच्छा के अनुसार सामान सप्लायर्स के लिए 40 लाख रुपए की लिमिट की पेशकश की गई है। वहीं, 50 लाख रुपए तक के सालाना टर्नओवर वाले छोटे सर्विस प्रोवाइडरों के लिए कंपोजिशन स्कीम को पेश किया गया है। उन्हें 6 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा।
कब लागू हुआ GST
आपको बता दें कि गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स ( GST ) को 30 जून, 2017 की मध्य रात्रि में लागू किया गया था। इसको लागू करने के दौरान संसद के सेंट्रल हॉल में एक शानदार समारोह का आयोजन किया गया था। देश में जीएसटी 1 जुलाई, 2017 से प्रभाव में आया था। पिछले 2 सालों के दौरान सरकार ने जीएसटी सिस्टम में कई बदलाव किए हैं। सरकार के इन बदलावों से देश की जनता को काफी राहत मिली है। इसके अलावा जीएसटी पर एक किताब 'GST for MSME' को भी रिलीज किया जाएगा।
Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार,फाइनेंस,इंडस्ट्री,अर्थव्यवस्था,कॉर्पोरेट,म्युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App
Updated on:
01 Jul 2019 09:25 am
Published on:
01 Jul 2019 08:34 am
बड़ी खबरें
View Allफाइनेंस
कारोबार
ट्रेंडिंग
