किसको मिलेगी बीमा की रकम: ईपीएफओ के सदस्य की मौत के बाद बीमा की रकम का भुगतान होता है। अगर सेवा के दौरान ईपीएफ कर्मचारी की मृत्यु होने पर नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी बीमा के लिए क्लेम कर सकता है। स्कीम के तहत न्यूनमत बीमा लाभ राशि ढाई लाख रुपये है। वहीं, बीमा की अधिकतम रकम 7 लाख रुपए है। मतलब ये कि नॉमिनी 7 लाख रुपए तक की बीमा रकम ले सकता है। बीमा की रकम सीधे नॉमिनी के बैंक खाते में जमा किया जाता है।
ऐसे होता है कैल्कुलेशन: बीमा की राशि का कैल्कुलेशन मृत EPFO कर्मचारी की आखिरी 12 महीनों की सैलरी के आधार पर होता है। बीमा की रकम पिछले 12 महीनों में मिली बेसिक सैलरी के 35 गुना ज्यादा होती है। इसकी अधिकतम सीमा 7 लाख रुपये होगी। आपको बता दें कि पहले बीमा की अधिकतम सीमा 6 लाख रुपए थी। हालांकि, इसी साल सरकार ने इसमें एक लाख रुपए की बढ़ोतरी की है। वहीं, न्यूनतम बीमा रकम 2 लाख रुपए से बढ़ाकर ढाई लाख रुपए कर दिया गया है।