ऐतिहासिक है महोत्सव
उन्होंने कहा कि टूंडला का दुर्गा पूजा महोत्सव ऐतिहासिक महोत्सव है। इसलिए वह पत्नी को साथ लेकर मां के दर्शन करने के लिए आए हैं। हर वर्ष यहां होने वाले आयोजन पर आयोजकों द्वारा लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं। इस आयोजन को हर वर्ष भव्य रूप प्रदान किया जाता है। इस सबके लिए आयोजक बधाई के पात्र हैं। ऐसे कार्यक्रमों से हमारी संस्कृति और सभ्यता को जीवित बनाए रखने में मदद मिलती है।
उन्होंने कहा कि धार्मिक कार्यक्रमोंं में भाग लेने से बच्चों के मन में बदलाव आता है। वह संस्कारवान बनते हैं। हमारी देवी देवताओं का जिक्र पाठ्यक्रमों में शामिल नहीं किया जाता है जबकि हमारे देवी देवताओं का जिक्र किताबों में भी किया जाना चाहिए। जिससे हमारे बच्चे हिंदू रीति रिवाज और देवी देवताओं के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकें। इतना भव्य कार्यक्रम हमने अभी तक कहीं नहीं देखा है।
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