प्रत्याशियों की बढ़ी बेचैनी
समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी महाराज सिंह धनगर का कहना है कि टूंडला विधानसभा (Tundla assembly) का चुनाव अटकाना ठीक नहीं है। यहां धनगर प्रमाण पत्र पर प्रो. एसपी सिंह बघेल चुनाव लड़े थे। वह अब यहां से सीट छोड़ चुके हैं। चुनाव को लेकर कई महीनों से हम तैयारी कर रहे हैं। अब अंतिम चरण में आकर चुनाव अटक गया। चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन किया जाएगा। बसपा प्रत्याशी सुनील चित्तौड़ का कहना है कि हम अपना प्रयास कर रहे हैं। जब कभी घोषणा होगी चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस प्रत्याशी स्नेहलता बबली का कहना है कि चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करेंगे। अभी चुनाव की घोषणा नहीं हुई तो क्या आगे कभी तो होगी।
समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी महाराज सिंह धनगर का कहना है कि टूंडला विधानसभा (Tundla assembly) का चुनाव अटकाना ठीक नहीं है। यहां धनगर प्रमाण पत्र पर प्रो. एसपी सिंह बघेल चुनाव लड़े थे। वह अब यहां से सीट छोड़ चुके हैं। चुनाव को लेकर कई महीनों से हम तैयारी कर रहे हैं। अब अंतिम चरण में आकर चुनाव अटक गया। चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन किया जाएगा। बसपा प्रत्याशी सुनील चित्तौड़ का कहना है कि हम अपना प्रयास कर रहे हैं। जब कभी घोषणा होगी चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस प्रत्याशी स्नेहलता बबली का कहना है कि चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करेंगे। अभी चुनाव की घोषणा नहीं हुई तो क्या आगे कभी तो होगी।
एसपी सिंह बघेल ने छोड़ी थी सीट
टूंडला विधानसभा से भाजपा के प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने जीत दर्ज की थी। वर्ष 2017 से वे लगातार यहां पर विकास कार्य कराते रहे और कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी सरकार में प्राप्त किया। लोकसभा के चुनाव के दौरान उन्हें आगरा से चुनाव लड़ने का मौका मिला और जीत के बाद एसपी सिंह बघेल ने विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया। रिक्त सीट पर उपचुनाव को लेकर लगातार भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस लोगों के बीच पैठ बनाने के लिए और चुनाव जीतने के लिए लगातार जनसंपर्क कर रही हैं।
टूंडला विधानसभा से भाजपा के प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने जीत दर्ज की थी। वर्ष 2017 से वे लगातार यहां पर विकास कार्य कराते रहे और कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी सरकार में प्राप्त किया। लोकसभा के चुनाव के दौरान उन्हें आगरा से चुनाव लड़ने का मौका मिला और जीत के बाद एसपी सिंह बघेल ने विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया। रिक्त सीट पर उपचुनाव को लेकर लगातार भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस लोगों के बीच पैठ बनाने के लिए और चुनाव जीतने के लिए लगातार जनसंपर्क कर रही हैं।
बघेल के प्रमाण पत्र का मामला है हाईकोर्ट में
टूंडला विधानसभा का उपचुनाव को लेकर जारी अधिसूचना में नाम नहीं है। इसको लेकर राजनैतिक गलियारों में कयासों के दौर शुरू हो गए हैं। भाजपा के जिलाध्यक्ष मानवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने शीर्ष नेताओं से बात की है। टूंडला को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग की संस्तुति नहीं गई है। कारण हाईकोर्ट में सांसद एसपी सिंह बघेल को लेकर चल रहा मामला बताया है। जब भी चुनाव की घोषणा होगी तभी दमदारी से चुनाव को लड़ा जाएगा। लोगों में चर्चा रही कि धनगर के प्रमाण पत्र को लेकर हाईकोर्ट इलाहाबाद में टूंडला विस को लेकर मामला दायर है। इसमें एसपी सिंह बघेल पर गलत तरीके से प्रमाण पत्र हासिल कर चुनाव लड़ने का आरोप लगाया है। हालांकि एसपी सिंह बघेल द्वारा गलत तरीके से प्रमाण पत्र हासिल करने के आरोप से इंकार किया जाता रहा है। अब इसका फैसला आने तक उपचुनाव की घोषणा होना संभव नहीं है।
टूंडला विधानसभा का उपचुनाव को लेकर जारी अधिसूचना में नाम नहीं है। इसको लेकर राजनैतिक गलियारों में कयासों के दौर शुरू हो गए हैं। भाजपा के जिलाध्यक्ष मानवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने शीर्ष नेताओं से बात की है। टूंडला को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग की संस्तुति नहीं गई है। कारण हाईकोर्ट में सांसद एसपी सिंह बघेल को लेकर चल रहा मामला बताया है। जब भी चुनाव की घोषणा होगी तभी दमदारी से चुनाव को लड़ा जाएगा। लोगों में चर्चा रही कि धनगर के प्रमाण पत्र को लेकर हाईकोर्ट इलाहाबाद में टूंडला विस को लेकर मामला दायर है। इसमें एसपी सिंह बघेल पर गलत तरीके से प्रमाण पत्र हासिल कर चुनाव लड़ने का आरोप लगाया है। हालांकि एसपी सिंह बघेल द्वारा गलत तरीके से प्रमाण पत्र हासिल करने के आरोप से इंकार किया जाता रहा है। अब इसका फैसला आने तक उपचुनाव की घोषणा होना संभव नहीं है।
लाखों हो गए खर्च
भाजपा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनसभा को संबोधित करने आए थे। उसके बाद सपा प्रत्याशी महाराज सिंह धनगर ने बथ सम्मेलन कराया था। जिसमें प्रो. रामगोपाल यादव ने शिरकत की थी। कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा भी लगातार जनसंपर्क किया जा रहा था। ऐसे में लाखों खर्च होने के बाद भी चुनाव की तिथि घोषित नहीं हो सकी।
भाजपा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनसभा को संबोधित करने आए थे। उसके बाद सपा प्रत्याशी महाराज सिंह धनगर ने बथ सम्मेलन कराया था। जिसमें प्रो. रामगोपाल यादव ने शिरकत की थी। कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा भी लगातार जनसंपर्क किया जा रहा था। ऐसे में लाखों खर्च होने के बाद भी चुनाव की तिथि घोषित नहीं हो सकी।