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हाल ही में इसरो द्वारा चंद्रयान-2 की सफल लॉन्चिंग कराने वाली टीम में टूंडला के टीकरी के वैज्ञानिक धर्मेंद्र यादव भी संचालक प्रबंधक के रूप में शामिल हैं। धर्मेंद्र ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा टूंडला से ही ली। उन्होंने हाईस्कूल नगर के लॉर्ड ऋषभ इंटर कॉलेज से और इंटर की पढ़ाई ब्रजराज सिंह इंटर कॉलेज से की। धर्मेंद्र ने बीटैक करने को आगरा के हिन्दुस्तान इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया।
हाल ही में इसरो द्वारा चंद्रयान-2 की सफल लॉन्चिंग कराने वाली टीम में टूंडला के टीकरी के वैज्ञानिक धर्मेंद्र यादव भी संचालक प्रबंधक के रूप में शामिल हैं। धर्मेंद्र ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा टूंडला से ही ली। उन्होंने हाईस्कूल नगर के लॉर्ड ऋषभ इंटर कॉलेज से और इंटर की पढ़ाई ब्रजराज सिंह इंटर कॉलेज से की। धर्मेंद्र ने बीटैक करने को आगरा के हिन्दुस्तान इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया।
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धर्मेंद्र ने बताया कि इंजीनियरिंग कॉलेज में तत्कालीन राष्ट्रपति डा़ एपीजे अब्दुल कलाम वार्षिकोत्सव समारोह में शामिल होने आगरा आए थे। यहां सभी छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने वैज्ञानिक बनने की प्रेरणा दी। उनके भाषणों से प्रभावित होकर धर्मेंद्र ने अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर लिया था। इसके बाद वे एमटेक की पढ़ाई करने को जालंधर चले गए। जहां से पढ़ाई पूरी होने के बाद उनका इसरो में चयन हुआ। धर्मेंद्र अपनी पत्नी संघमित्रा व एक वर्ष की बच्ची सानवी के साथ बैंगलूर में रह रहे हैं। चंद्रयान-2 की सफल लॉन्चिंग के बाद परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं है। वह तीन भाई-बहन हैं। सबसे बड़ी बहन दीपिका है। उसका विवाह फिरोजाबाद में हुआ है। धर्मेंद्र से प्रेरणा लेकर सबसे छोटा भाई उपेंद्र यादव भी दिल्ली में एमटेक की पढ़ाई कर रहा है। वह भी वैज्ञानिक बनना चाहता है।
धर्मेंद्र ने बताया कि इंजीनियरिंग कॉलेज में तत्कालीन राष्ट्रपति डा़ एपीजे अब्दुल कलाम वार्षिकोत्सव समारोह में शामिल होने आगरा आए थे। यहां सभी छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने वैज्ञानिक बनने की प्रेरणा दी। उनके भाषणों से प्रभावित होकर धर्मेंद्र ने अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर लिया था। इसके बाद वे एमटेक की पढ़ाई करने को जालंधर चले गए। जहां से पढ़ाई पूरी होने के बाद उनका इसरो में चयन हुआ। धर्मेंद्र अपनी पत्नी संघमित्रा व एक वर्ष की बच्ची सानवी के साथ बैंगलूर में रह रहे हैं। चंद्रयान-2 की सफल लॉन्चिंग के बाद परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं है। वह तीन भाई-बहन हैं। सबसे बड़ी बहन दीपिका है। उसका विवाह फिरोजाबाद में हुआ है। धर्मेंद्र से प्रेरणा लेकर सबसे छोटा भाई उपेंद्र यादव भी दिल्ली में एमटेक की पढ़ाई कर रहा है। वह भी वैज्ञानिक बनना चाहता है।
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वैज्ञानिक धर्मेंद्र यादव के पिता शंभूदयाल गांव में रहते हैं। वे किसान हैं। उन्होंने धर्मेंद्र की शिक्षा के लिए काफी संघर्ष किया। धर्मेंद्र ने परिवार का नहीं बल्कि टूंडला का नाम भी विश्वपटल पर रोशन किया है। पिता कहते हैं कि भले ही वो किसानी करके अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। उनके पास कोई जमापूंजी नहीं हैं लेकिन मेरे बच्चे ही मेरे जीवन की जमापूंजी हैं। धर्मेंद्र इसरो में वरिष्ठ वैज्ञानिक के साथ वर्तमान में चंद्रयान-2 के मिशन प्रबंधक भी हैं। चंद्रयान-2 के अलग-अलग चरणों में फिरेंट डिजायन समीक्षा और परीक्षण में शामिल रहे। वह वर्तमान में ब्राजील में तैनात हैं।
वैज्ञानिक धर्मेंद्र यादव के पिता शंभूदयाल गांव में रहते हैं। वे किसान हैं। उन्होंने धर्मेंद्र की शिक्षा के लिए काफी संघर्ष किया। धर्मेंद्र ने परिवार का नहीं बल्कि टूंडला का नाम भी विश्वपटल पर रोशन किया है। पिता कहते हैं कि भले ही वो किसानी करके अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। उनके पास कोई जमापूंजी नहीं हैं लेकिन मेरे बच्चे ही मेरे जीवन की जमापूंजी हैं। धर्मेंद्र इसरो में वरिष्ठ वैज्ञानिक के साथ वर्तमान में चंद्रयान-2 के मिशन प्रबंधक भी हैं। चंद्रयान-2 के अलग-अलग चरणों में फिरेंट डिजायन समीक्षा और परीक्षण में शामिल रहे। वह वर्तमान में ब्राजील में तैनात हैं।