पूरा मामला आसफाबाद के समीप का है। लहरी हॉस्पिटल के सामने बने गंदे नाले के समीप एक हर्षित नाम का बच्चा घर के बाहर खेल रहा था। तभी वहां अचानक एक सांड आ गया। सांड को सामने देखकर बच्चा घबरा गया और बचने के लिए घर की ओर भागने लगा। हड़बड़ाहट में बच्चा नाले में गिर गया। मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। बच्चे के नाले में गिरने की जानकारी होने पर एक युवक नाले में बच्चे को खोजने लगा। कुछ देर बाद नाले में बच्चे का पैर नजर आया। जिसे पकड़कर युवक ने उसे बाहर निकाला।
परिवारीजन बच्चे को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। परिवारीजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों ने नगर निगम पर लापरवाही का आरोप लगाया। सूचना मिलने पर शहर विधायक मनीष असीजा भी मौके पर पहुंच गए। परिजनों का आरोप है कि नगर निगम ने गहरे नाले के दोनों ओर बेरीकेडिंग नहीं लगवाई। इसकी वजह से उनके बच्चे की मौत हुई है। परिजनों का कहना है कि यदि नगर निगम द्वारा नाले के आस—पास बेरिकेडिंग लगाई होती तो यह हादसा नही होता। नगर निगम की बड़ी लापरवाही है यह। पहले भी कई बार बच्चे गिरे हैं इसमें तब भी सबक नही लिया गया।
शहर विधायक मनीष असीजा ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए मृतक बच्चे के परिवारीजनों को राहत कोष से पांच लाख रुपए दिलवाए जाने की घोषणा की। विधायक का कहना है कि नाले के चारों ओर बेरीकेडिंग लगवाए जाने को लेकर नगर निगम अधिकारियोें से वार्ता की जाएगी। फिर भी परिवारीजन अपने बच्चों का खेलते समय ध्यान रखें।