13 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राज्यसभा चुनाव: सपा के ये विधायक नहीं डाल सकेंगे वोट, कोर्ट के आदेश पर डीएम ने विधायक को लखनऊ जाने से रोका…

कोर्ट ने विधायक के लखनऊ जाकर वोट डालने की मांग को खारिज कर दिया है। विधायक के बेटे ने जिला प्रशासन पर लगाया मनमानी का आरोप।

2 min read
Google source verification
MLA

MLA

फिरोजाबाद। शुक्रवार यानी 23 मार्च को होने वाले राज्यसभा के लिए मतदान में सपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राज्यसभा चुनावों में फिरोजाबाद के सिरसागंज से समाजवादी पार्टी के विधायक हरिओम यादव वोट नहीं डाल सकेंगे। हरिओम यादव पिछले 12 दिनों से जेल में निरुद्ध हैं, उन पर एक मामले में धारा 307 के तहत मामला दर्ज है। विधायक ने फिरोजाबाद से लखनऊ जाकर वोट डालने की मांग की थी, जिसे एडीजे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। यह जानकारी जिलाधिकारी फिरोजाबाद नेहा शर्मा ने दी है। उनका कहना है कि चूंकि न्यायालय का स्पष्ट आदेश है। न्यायालय ने उनकी मांग को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है, इसलिए अब विधायक हरिओम यादव को लखनऊ नहीं भेजा जाएगा।

विधायक के बेटे ने प्रशासन पर मनमानी का लगाया आरोप
इस मामले में विधायक हरिओम यादव के बेटे राहुल यादव का आरोप है कि जिला प्रशासन द्वारा मनमाने ढंग से रवैया अपना कर उन्हें वोट डालने से वंचित किया जा रहा है। चुनाव आयोग के निर्देश हैं कि सभी विधायकों को राज्य सभा के लिए वोट डालने का अधिकार है, चाहे वे जेल में ही बंद विधायक क्यों न हों। जबकि जिलाधिकारी का कहना है कि न्यायालय ने विधायक को वोट डालने की अनुमति नहीं दी है।

19 को किया था आवेदन
सपा विधायक के बेटे राहुल यादव ने कहा कि हमने 19 और 22 मार्च को आवेदन किया था। जिस पर जिला प्रशासन ने अभी तक कोई अनुमति नहीं दी है। हम जिला प्रशासन से लगातार मांग कर रहे हैं कि राज्यसभा के लिए विधायक को वोट डालने की अनुमति दी जाए। यह लोकतंत्र का मखौल उड़ाया जा रहा है। ऐसा राजनीति के कारण से किया जा रहा है।

प्रशासन ने नहीं, कोर्ट ने लगाई रोक
डीएम नेहा शर्मा ने बताया कि हरिओम यादव एक मामले में जेल में बंद हैं। इन्होंने न्यायालय में वोट डालने की आवेदन किया था। न्यायालय ने अनुमति इनकी मांग को खारिज कर दिया है। यह कहना बिल्कुल गलत है कि जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है। डीएम नेहा शर्मा ने बताया कि उन्हें कोर्ट के आदेश की कॉपी प्राप्त हुई है जिसका उन्होंने अवलोकन किया है। इस कारण से जिला प्रशासन के ऊपर आरोप लगाना गलत है।