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प्रयोगशाला में खुला आरएफ मीटर का राज, 24 घंटे में बनाता है अतिरिक्त 7 यूनिट, उपभोक्ता के कम हुए 64 हजार

— विगत छह साल से उपभोक्ताओं का शोषण कर रहा विद्युत विभाग, उपभोक्ता फोरम में जाने के बाद विभाग ने किए 64 हजार रुपए कम।

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Ranjeet Gupta

जानकारी देते हुए रणभेरी के संयोजक रंजीत गुप्ता

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
फिरोजाबाद। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा पायलट प्रोजेट के तौर पर टूंडला नगर में लगाए गए आरएफ (रेडियोफ्रीक्वेंसी) मीटर सामान्य मीटरों की अपेक्षा तेजी से बिल जनरेट कर रहे हैं। इसका खुलासा प्रयोगशाला में हुई टेस्टिंग लेब में हो चुका है और अब उपभोक्ता फोरम द्वारा दिए गए निर्णय से भी यह साबित हो चुका है।
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रणभेरी ने की शुरूआत
भ्रष्टाचार के विरुद्ध शुरू की गई रणभेरी के संयोजक रंजीत गुप्ता ने शनिवार को बताया कि वर्ष 2015 में आरएफ मीटर लगाने का काम टूंडला नगर में शुरू किया गया था। इस मीटर के लगने के बाद से ही लोगों के बिल अधिक आने लगे। कई बार लोगों ने शिकायत की लेकिन विभाग लोड अधिक होने की बात कहते हुए टालता रहा। नगर के आगरा रोड निवासी मंजीत गुप्ता पुत्र मुन्नालाल गुप्ता ने उपभोक्ता फोरम में आरएफ मीटर को लेकर याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने नौ मई 2018 को मोहम्मदाबाद स्थित लैब में आरएफ मीटर और नोन आरएफ मीटर के बीच कराए गए परीक्षण में यह साबित हो गया कि सिंगल फेस वाले मीटर 18 प्रतिशत तेजी से चल रहे हैं। तीन घंटे के प्रयोग में आरएफ मीटर द्वारा 0.9 यूनिट ज्यादा उत्पादित की गई। 24 घंटे में इन मीटरों द्वारा 7.2 यूनिट अधिक उत्पादित किए जा रहे हैं का हवाला दिया था।
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आरटीआई में हुआ खुलासा
आरटीआई कार्यकर्ता आरके प्रजापति द्वारा मांगी गई सूचना के आधार पर दोनों मीटरों का परीक्षण किया गया था। उपभोक्ता फोरम के आदेश के बाद विद्युत विभाग ने मंजीत गुप्ता के बिल का 64 हजार रुपए माफ करते हुए बिल जमा किया। रणेभेरी के संयोजक ने बताया कि नगर क्षेत्र के 12 हजार 783 उपभोक्ताओं से विद्युत विभाग अब तक करीब सौ करोड़ से अधिक वसूल कर चुका है। इसे वापस कराने के लिए अब अभियान शुरू किया जाएगा। एक्सईएन लोकेंद्र बहादुर का कहना है कि शिकायत के आधार पर प्रयोगशाला में एक सिंगल मीटर का परीक्षण कराया गया था, जिसमें आरएफ मीटर तेजी से चल रहा था। बाकी नगर क्षेत्र में लगाए गए सभी मीटर ठीक काम कर रहे हैं।