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32 साल बाद हाईकोर्ट ने सुनाया ऐसा फैसला, जिसे सुन खुशी से उछल पड़े इस गांव के लोग

थाना पचोखरा क्षेत्र के मौजा पमारी के गांव मोती गढी में तहसीलदार राजेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई।

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Encroachment demolished

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फिरोजाबाद। कई वर्ष पुराने अतिक्रमण को हाईकोर्ट के आदेश पर ध्वस्त करा दिया गया। घनी आबादी के बीच अतिक्रमणकारियों ने मकान बना लिया था। कोर्ट के निर्णय पर तहसील प्रशासन ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कराई। अतिक्रमण ध्वस्त होने से ग्रामीणों में खुशी की लहर है, जबकि अतिक्रमणकारी परेशान हैं। इस दौरान काफी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कराया गया था, जिससे किसी अनहोनी होने पर उसे निपटा जा सके।

पचोखरा क्षेत्र का है मामला
थाना पचोखरा क्षेत्र के मौजा पमारी के गांव मोती गढी में तहसीलदार राजेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। तहसीलदार ने बताया कि वर्ष 1985 में गांव के रघुवीर सिंह, निहाल सिंह और नत्थी सिंह पुत्रगगण कंचन सिंह ने आम रास्ते पर कब्जा कर मकान बना लिया था। तीनों उसी में रहने लगे थे। उस समय तहसील आगरा हुआ करती थी। आम रास्ते पर कब्जा होने के कारण ग्रामीणों को निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ता था। ग्रामीण काफी घूमकर निकलते थे। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत तहसील अधिकारियों से की थी। करीब 32 साल से मामला न्यायालय में चल रहा था।

कोर्ट ने सुनाया निर्देश
हाल ही में हाईकोर्ट ने 32 साल पुराने विवाद को समाप्त कराने के लिए अतिक्रमण को ध्वस्त कराए जाने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट के निर्देश पर अतिक्रमण को ध्वस्त कर मार्ग खुलवाया गया है। ध्वस्तीकरण के दौरान किसी प्रकार के विवाद की स्थिति पैदा न हो इसलिए पुलिस का सहारा लिया गया था। इस दौरान तहसीलदार के अलावा राजस्व निरीक्षक कृपाल सिंह व क्षेत्रीय लेखपाल रजन सिंह व लेखपाल सचिन वशिष्ठ वह अनिकेत ठेनुआ व थानाध्यक्ष पचोखरा प्रवेश कुमार आदि मौजूद रहे।

सुनवाई के लिए लगे हुए थे ग्रामीण
अतिक्रमण को मुक्त कराने के लिए ग्रामीण लगातार पैरवी कर रहे थे। ग्रामीण उस समय से मामले की पैरवी कर रहे थे, जब तहसील एत्मादपुर और जिला आगरा हुआ करता था, लेकिन राहत नहीं मिली थी। हाईकोर्ट के आदेश मिलने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।