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बरेली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जुलाई को शाहजहांपुर में किसान कल्याण रैली को सम्बोधित करेंगे। इसमें वो किसानों के लिए कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं। नौ जिलों के किसानों के लिए आयोजित हो रही किसान कल्याण रैली में बरेली के 30 हजार किसान हिस्सा लेंगे। रैली के पहले पत्रिका ने किसानों से जानी कि उन्हें कौन कौन सी मुख्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
गन्ना किसानों की ये है समस्या
किसानों का कहना है कि जिले में गन्ने का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है और गन्ना किसानों की समस्याएं भी बड़े पैमाने पर हैं। ज्यादातर मिल गन्ना किसानों का समय से भुगतान नहीं करतीं। इसके कारण किसान काफी परेशान होते हैं। किसान खेती के पहले उधार खाद और बीज लेते हैं, लेकिन मिलों से समय से गन्ने का भुगतान न होने के कारण किसान दुकानदार को रुपए नहीं लौटा पाते हैं जिससे उन्हें अगली फसल के लिए खाद और बीज नहीं मिल पाता है। इसके साथ ही गन्ना खरीद में मूल किसानों तक पर्ची नही पहुंच पाती है क्योंकि सर्वे के समय कर्मचारी किसानों के पास नहीं जाते हैं जिससे उनकी पर्ची नहीं मिल पाती है।
डीजल से सिंचाई महंगी
डीजल की बढ़ी हुईं कीमतें किसानों के लिए बड़ी समस्या है। किसानों का कहना है कि डीजल के बढ़े दामों के कारण सिंचाई का खर्चा बढ़ता जा रहा है लेकिन फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। वहीं कर्ज लेने वाले किसानों का कहना है कि आसानी से कर्ज नहीं मिल पाता है और कर्ज लेने के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है। इसके साथ ही नहरों में पानी न होने के कारण किसानों को बारिश के पानी या इंजन पर निर्भर रहना पड़ता है।
नील गाय से फसल होती है बर्बाद
जिले में नील गाय से किसानों की बड़ी समस्या है। नील गाय का झुंड खेतों में घुस कर किसानों की सारी फसल खराब कर देते हैं जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाता है और उन्हें खेती में नुकसान उठाना पड़ता है। इसके साथ ही किसानों की फसल खरीद में बिचौलिए हावी रहते है जिससे उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। किसानों को खाद, बीज और दवाइयां भी सस्ते दाम पर नहीं मिल पाती हैं। इसके साथ ही सरकार की योजनाओं का लाभ लेने के लिए भटकना पड़ता है साथ ही नई नई तकनीकी जानकारी नहीं हो पाती है।
Updated on:
19 Jul 2018 02:18 pm
Published on:
19 Jul 2018 02:15 pm
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