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राज्य चिकित्सा महाविद्यालय निर्माण में काम करने वाली महिला मजदूर की बेटी ने धन अभाव में तोड़ दिया दम, फिर हुआ ये…पढ़िए दिल झकझोर देने वाली यह खबर

— निर्माणाधीन स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के गेट पर मजदूरों ने जड़ दिया ताला।— तीन साल से नहीं मिली मजदूरी, होली के बाद से पाई—पाई को तरस रहे मजदूर।

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Hungama

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फिरोजाबाद। फिरोजाबाद में नव निर्माणाधीन स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के गेट पर सोमवार को मजदूरों ने ताला जड़ दिया। मजदूरों ने ठेकेदार पर मेहनताना न दिए जाने का आरोप लगाया। अस्पताल बनाने में लगे कुछ मजदूरों को तीन साल से अब तक पैसा नहीं मिला है जबकि अधिकतर मजदूरों को होली के बाद से ही पैसा नहीं दिया गया। मुफलिसी में जी रहे मजदूरों ने तंग आकर अस्पताल में तालाबंदी कर दी।

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नारखी क्षेत्र में बन रहा अस्पताल
फिरोजाबाद के नारखी रोड पर नव निर्माणाधीन स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय का निर्माण कराया जा रहा है। लंबे समय से इसे बनाने का कार्य मजदूरों द्वारा किया जा रहा है। यहां काम करने वाले अधिकतर मजदूर दूसरे राज्यों से यहां आए हैं। सोमवार को मजदूरों ने गेट पर ताला जड़ दिया और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

बच्ची की हो गई मौत
यहां मजदूरी करने वाली एक महिला ने बताया कि उनकी बेटी बीमार हो गई थी और उसने इलाज के लिए पैसे मांगे लेकिन निर्माण कार्य कराने वालों ने एक भी रुपया नहीं दिया। पुलिस में शिकायत करने पर उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती करा दिया। हालत खराब होने पर वहां से रेफर कर दिया। वह प्राइवेट अस्पताल में बच्ची का इलाज कराना चाहती थी लेकिन धन के अभाव में इलाज नहीं करा सकी और उसकी बेटी ने दम तोड़ दिया।

मजदूरों ने लगाया ताला
काम करने के बाद भी मेहनत का पैसा न मिलने से गुस्साए मजदूरों ने एकत्रित होकर हंगामा शुरू कर दिया और महाविद्यालय में ताला जड़ दिया। मजदूरों का कहना है कि हर बार पेंमेंट देने की बात कहते हुए काम शुरू करा दिया जाता है लेकिन उन्हें एक भी फूटी कौड़ी नहीं दी जा रही। ऐसे में वह कहां से काम करें और कहां से बच्चों का पेट भरें। बीमार होने पर भी पैसा नहीं दिया जा रहा है। पैसा न होने के कारण ही एक बालिका की मौत हो चुकी है। महिला मजदूर फसाना ने बताया कि उनकी बेटी की मौत हुई है। वह बाहर से यहां आकर काम कर रही हैं। इसके बाद भी पैसा नहीं दिया जा रहा है। जेसीबी चालक जसशंकर शर्मा ने बताया कि उन्हें भी होली के बाद पैसा नहीं मिला है।