पशुओं को खुरपका और मुंहपका जैसी बीमारियों से बचाव के लिए सरकार द्वारा वर्ष में दो बार टीकाकरण कराया जाता है। पहली बार टीकाकरण फरवरी माह में प्रारंभ होता है जो मार्च में समापन होता है। दूसरा टीकाकरण सितंबर माह से प्रारंभ होकर अक्टूबर तक चलता है। पशु चिकित्सा केन्द्र पचोखरा के डॉक्टर नीरज गर्ग ने बताया कि अभी तक राज्य सरकार द्वारा टीकाकरण का कार्य कराया जाता है और वैक्सीन भी प्रदेश सरकार से आती थी। हाल ही में प्रधानमंत्री ने मथुरा में पशु रोग नियंत्रण के तहत वैक्सीनेशन का शुभारंभ किया था। अब वैक्सीन केन्द्र सरकार द्वारा मुहैया कराई जाएगी। संभवत: 10 अक्टूबर तक वैक्सीन आने की संभावना है, उसके आते ही पशुओं के टीकाकरण का कार्य प्रारंभ करा दिया जाएगा।
मथुरा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पशुओं की हो रही आकस्मिक मौत से पशु पालकों को हो रहे नुकसान को देखते हुए वैक्सीनेशन की घोषणा की थी। केन्द्र सरकार ने इसे शुरू कराने के निर्देश दिए थे। प्रधानमंत्री के निर्देशों के बाद भी जिले में वैक्सीनेशन का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। इसके चलते पशु पालकों को मायूसी का सामना करना पड़ रहा है।
डॉ. गर्ग ने बताया कि वैक्सीनेशन के लिए ब्लाक स्तर पर शिविर लगाया जाएगा। जिसमें आने वाले पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। टीकाकरण के लिए पशु स्वामियों को अपने—अपने पशु लेकर शिविर पर आना होगा। इस टीकाकरण का कोई चार्ज नहीं होगा। यह पूरी तरह निःशुल्क रहेगा।
पशु व्यापारी रामनरेश ने बताया कि अभी तक खुरपका-मुंहपका का टीकाकरण शुरू नहीं हुआ है। डेयरी संचालक कैलाश उपाध्याय का कहना है कि खुरपका-मुंहपका बीमारी के कारण पशुओं की मौत भी हो जाती है। इसलिए टीकाकरण तत्काल शुरू करने की जरूरत है। दुग्ध व्यसायी संतोष कुमार का कहना है कि हम पशु चिकित्सा केन्द्र पर पता करने गए तो बताया गया कि अभी वैक्सीन नहीं आई है। पैंठ मालिक बृजेश उपाध्याय के पास करीब 200 भैंस हैं। उनका कहना है कि सितम्बर और अक्टूबर में ही खुरपका-मुंहपका बीमारी दुधारु पशुओं में फैलती है। टीकाकरण में विलम्ब हो रहा है। आशा है कि टीकाकरण जल्दी शुरू हो जाएगा।