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सुहागनगरी में वेंटिलेटर पर स्वास्थ्य सेवाएं: अस्पताल में मरीजों की जगह रह रहा परिवार

— सर्दी औा जुकाम के लिए अब अस्पताल नहीं जाते ग्रामीण, झोलाछाप डॉक्टरों से कराते हैं इलाज।

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उप स्वास्थ्य केन्द्र कुर्रा में भरा भूसा

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
फिरोजाबाद। कोरोना संकट के बीच योगी सरकार स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतर बनाने का काम कर रही है। वहींं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में स्वास्थ्य केन्द्र ही बीमार पड़े हैं। यहां लाखों रुपए खर्च करके बनाई गईं स्वास्थ्य केन्द्रों की इमारतों का हाल बेहाल है। कोरोना संकट के बीच जब गांवों में जाकर स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी ली गई तो हाल बेहाल मिले। फिरोजाबाद जिले में कहने को मेडिकल कॉलेज, ट्रॉमा सेंटर और जिला अस्पताल संचालित हैं। शहर के मरीजों को इनका लाभ मिल जाता है लेकिन बात जब गांव में मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की हो तो यहां केे लोगों को कई किलोमीटर दूर जाने को विवश होना पड़ता है। स्वास्थ्य केन्द्रों मेंं या तो उपले भरे हैं या फिर लोग परिवाार लेकर रह रहे हैं।
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कोरोना से लड़ाई को तैयार कराए अस्पताल
हाल ही में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना से लड़ाई को लेकर स्वास्थ्य केन्द्रों को तैयार कराया गया था लेकिन बावजूद इसके क्या तैयारी हुई यह आपको हम बताते हैं। फिरोजाबाद जिले के यमुना की खादरों में स्थित उप स्वास्थ्य केन्द्र रसूलाबाद में एक नट जाति का व्यक्ति परिवार के साथ रहता हुआ मिला। जानकारी करने पर बताया कि उसका परिवार विगत पांच साल से इसी उप स्वास्थ्य केन्द्र में रह रहा है। यहां स्वास्थ्य सेवाएं नहीं दी जातीं। वहीं नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर आज तक किसी डॉक्टर की तैनाती नहीं हो सकी है। स्वास्थ्य केन्द्र सलेमपुर, बनकट, पमारी में आज तक चिकित्सकों की तैनाती नहीं हो सकी। यहां ताला लटका रहता है।
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स्वास्थ्य केन्द्र में भरे हैं उपले
उप स्वास्थ्य केन्द्र कुर्रा के हालात बदतर हैं। यहां मरीजों की जगह उपले भरे हुए हैं। ऐसे में फिरोजाबाद के अंदर कोरोना से कैसे लड़ाई लड़ी जा सकती है। ग्रामीण दयाशंकर बताते हैं कि सरकार ने लाखों रुपए खर्च करके स्वास्थ्य केन्द्र तो बनवा दिए लेकिन इनमें डॉक्टरों की तैनाती नहींं कर सके। इसके चलते ग्रामीणों को फिरोजाबाद करीब 30 किलोमीटर दूर जाने को विवश होना पड़ता है। घरकुआ निवासी सत्यप्रकाश बताते हैं कि उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर खर्च किया गया पैसा व्यर्थ जा रहा है।
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कैसे होगा वैक्सीनेशन
सरकार अब 18 साल से अधिक उम्र वालों के टीकाकरण की तैयारी कर रही है। स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीकाकरण कराया जाएगा। ऐसी स्थिति में जब स्वास्थ्य केन्द्र ही बीमार हैं तो टीकाकरण कैसे हो सकेगा। टीकाकरण करने वाली टीम को कोई भी अपने घर के दरवाजे पर भी नहीं बैठने देगा। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग किस तरह कोरोना से जंग जीत सकेगा। इस मामले को लेकर सीएमओ डॉ. नीता कुलश्रेष्ठ ने बताया कि जिले में चिकित्सकों की कमी है। जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी चिकित्सकों की कमी है। इसलिए उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर तैनाती नहीं हो सकी है। कुछ सीएचसी से चिकित्सकों को अटैच कर दिया है। उन्होंने बताया कि हमारे पास पर्याप्त मात्रा में बेड और आॅक्सीजन की व्यवस्था है।

कोरोना पर एक नजर
कुल संक्रमित मरीज 7575
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