
Murtikar
फिरोजाबाद। वैसे तो मूर्तिकारों की कोई रेट नहीं। छोटी से छोटी मूर्ति बनाने के लिए मूर्तिकार हजारों रुपए ले लेते हें लेकिन छोटे से नगर टूंडला निवासी यह युवक निस्वार्थ भाव से ईश्वर की सेवा कर रहा है। वह मूर्ति तैयार कर आयोजकों को देता है। खास बात यह है कि मूर्ति बनाने के वह कोई रुपया नहीं लेता। अपनी कारीगरी को वह बेचना पसंद नहीं करता। कई कारीगरों ने उसे अपने साथ चलने का आॅफर दिया लेकिन उसने ठुकरा दिया। वर्तमान में वह एक स्कूल में प्राइवेट जाॅब कर परिवार का घर खर्च चला रहा है।
आठ साल की उम्र से बना रहा मूर्ति
टूंडला नगर के सरस्वती नगर निवासी 30 वर्षीय अशोक कुमार जब आठ साल के थे। तभी से उन्हें मूर्तियां बनाने का शौक चढ़ा। पहले वह ऐसे ही अपने साथियों के साथ छोटी-छोटी मूर्तियां तैयार करने लगे। उसके बाद जैसे-जैसे समय निकलता गया वह बड़ी मूर्तियां बनाने लगा। सरस्वती नगर में 22 साल पहले Shri Krishna Janmasthami सजाने का काम अशोक कुमार ने किया। अशोक की कारीगरी देखकर हर कोई आश्चर्य चकित हो गया।
तभी से सजाई जा रहीं जन्माष्टमी
उस समय से ही मोहल्ले में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन बड़ी ही धूमधाम से होने लगा। इस वर्ष आयोजन का 22वां वर्ष है। इन 22 सालों में आयोजक बदलते रहे लेकिन मूर्तिकार अब भी वही है। अशोक की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। वह प्राइवेट स्कूल में नौकरी करके कैसे भी घर का खर्च चला रहा है। उसके हाथ की कारीगरी देखकर हर कोई आश्चर्य चकित हो जाता है। बावजूद इसके वह अपनी कला को बेचना पसंद नहीं करता। आयोजन को लेकर वह भगवान श्रीकृष्ण, राधा, ग्वाल वाल और अन्य देवी देवताअें की मूर्तियां तैयार कर रहा है। तीन अगस्त को मूर्तियों को दर्शनार्थ रखा जाएगा।
मोहल्ले वासी हैं कारीगरी के मुरीद
आठ साल की उम्र से ही मूर्ति बना रहे अशोक की कारीगरी के मोहल्लेवासी मुरीद हैं। मूर्ति बनाने के वह एक भी पैसा नहीं लेता। आयोजकांें को वह समय से मूर्ति तैयार कर दे देता है। मूर्तियों को देखकर अच्छे खासे मूर्तिकार भी दांतों तले ऊंगलियां दबाने को विवश हो जाएंगे। उसकी मेहनत और लगन को देखकर ही आज भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन अनवरत जारी है।
Updated on:
30 Aug 2018 06:22 pm
Published on:
30 Aug 2018 05:21 pm
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