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World Water Day- फिरोजाबाद वासी हैं तो ये खबर आपको थोड़ा परेशान कर सकती है…

World Water Day- गर्मियों के साथ सुहागनगरी में पानी के लिए मचेगा हा-हाकार। दस साल पहले भूगर्भ का जलस्तर 60 फीट था जो अब 300 फीट पहुंच चुका है।

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Water Crisis

Water Crisis

फिरोजाबाद। गर्मियों के साथ ही सुहाग नगरी में पानी के संकट का बादल मंडराने लगा है। आने वाले दिनों में सुहागनगरी में पेयजल की किल्लत बढ़ने की आशंका है। इसका कारण पिछले दस वर्षों में लगातार जल स्तर का कम होना है। आलम ये है कि दस साल के अंदर भूगर्भ का जलस्तर 60 फीट से 300 फीट पर पहुंच गया है। वहीं पहले की अपेक्षा आबादी में भी इजाफा हुआ है। पहले जहां शहर की आबादी करीब 10 लाख करीब थी, तो अब 20 लाख से ऊपर पहुंच गई है। ऐसे में पानी की किल्लत बढ़ना लाजमी है।

गर्मियां बढ़ने के साथ बढ़ेगी समस्या
स्थिति को देखते हुए अनुमान लगाया जा सकता है कि गर्मी बढ़ने के साथ ही शहर में पानी की किल्लत भी बढ़ने लगेगी। ये स्थिति शहर के साथ साथ गांव के लोगों को भी परेशान करेगी। आपको बता दें कि जिले में पहले से ही 46 गांव ऐसे हैं जहां का पानी पीने लायक भी नहीं है। इस कारण वो लोग पहले ही पानी की किल्लत को झेलने को मजबूर हैं। इन लोगों को पीने के पानी के लिए कई किलोमीटर तक पैदल चलकर जाना पड़ता है। हालांकि इनकी समस्या के समाधान के लिए प्रशासन ने कई बार प्रयास भी किए हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली। इन हालातों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि गर्मियों के बढ़ने के साथ इन गांवों में समस्या और भी विकराल रूप ले सकती है।

आठ साल पहले फिरोजाबाद में शामिल हुए थे ये गांव
करीब आठ साल पहले एटा जिले के 46 गांव परिसीमन के दौरान फिरोजाबाद जिले में शामिल हुए थे। इन गांवों की स्थिति अत्यंत दयनीय थी। गांव में न पीने को पानी था और न आने जाने के लिए पक्की सड़कें।हालांकि जिला पंचायत सदस्य बृजेश उपाध्याय द्वारा गांव में सड़कें तो बनवा दी गईं, लेकिन पानी की समस्या का समाधान आज तक नहीं हो सका।

पानी इतना खारा कि दांत खराब हो जाते हैं
इन गांवों में पानी इतना खारा है कि ग्रामीणों के समय से पहले दांत खराब हो जाते हैं। लोगों की फसलें भी चौपट हो जाती हैं। वहीं करीब दस किलोमीटर क्षेत्र के अंदर एक या दो स्थान ही ऐसे हैं, जहां मीठे पानी का स्रोत है। इन जगहों से पानी लाने के लिए ग्रामीण दिन निकलते ही साइकिल या पैदल चलकर पीने का पानी लेने पहुंच जाते हैं। इन गांवों के लोगों को सरकार के गंगाजल प्रोजेक्ट से बड़ी आस है।