टूंडला नगर के नाज की मंडी में स्थित शिव मंदिर की कहानी अनोखी है। बताया जाता है कि कई दशक पूर्व जमीन से भगवान भोलेनाथ की शिवलिंग प्रकट हुई। इस शिवलिंग को वहीं स्थापित करा दिया गया। उस समय यहां कोई भवन नहीं बना था। शिवलिंग स्थापित होने के बाद वहां पूजा अर्चना शुरू हो गई। धीरे—धीरे यहां श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होता गया और मंदिर की मान्यता बढ़ती चली गई। इसी बीच तमाम श्रद्धालुओं के बिगड़े काम बनते चले गए और लोगों का विश्वास इस मंदिर पर गहरा होता गया।
उसके बाद इस मंदिर पर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन बढ़ते चले गए। श्रद्धालुओं ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। धीरे—धीरे इस मंदिर में अन्य देवी देवताओं की प्रतिमाओं को भी स्थापित कराया गया। भाजपा नेता वृंदावन लाल गुप्ता ने शिव परिवार की स्थापना कराई। वहीं अन्य श्रद्धालुओं द्वारा काली माता और हनुमान जी की प्रतिमा को भी स्थापित कराया।
शिव समाधि मंदिर के अंदर माता संतोषी की भी प्रतिमा विराजमान है। आस—पास क्षेत्र में माता संतोषी का एक मात्र मंदिर है। मंदिर की ख्याति दूर—दूर तक फैलने के कारण यहां श्रद्धालुओं की भीड़ में भी इजाफा होने लगा है। मनोकामना पूरी करने के लिए सावन के सोमवार को यहां सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है।
श्रद्धालु देवेश कुमार कहते हैं कि यहां सच्चे मन से जो भी मांगो वह अवश्य मिलता है। इसी कारण यहां भंडारे और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता रहता है। श्रद्धालु ममता देवी कहती हैं कि वह जब से इस मंदिर में आना शुरू हुई हैं। मन को अति प्रसन्नता होती है। उनके सभी बिगड़े काम बनने लगे हैं। वहीं मंदिर के महंत बसंत गिरी महाराज बताते हैं कि मंदिर काफी पुराना है। समय—समय पर इस मंदिर में जीर्णोद्धार का कार्य श्रद्धालुओं द्वारा कराया जाता रहता है। मनोकामनाएं पूरी होने पर श्रद्धालुओं की संख्या में यहां इजाफा हो रहा है।