साइमन काजेर ने 39वें मिनट में एक आत्मघाती गोल हुआ, जो इंग्लैंड के खाते में दर्ज ह्रुआ। डेनमार्क के लिए माइकल डैम्सगार्ड ने 30वें मिनट में गोल कर अपनी टीम को बढ़त दिलाई थी। फाइनल में इंग्लैंड का सामना इटली से होगा, जिसने पेनाल्टी शूटआउट में 4-1 से हराया। निर्धारित और एक्स्ट्रा टाइम तक दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थीं। फाइनल मुकाबला रविवार को लंदन के वेम्बले स्टेडियम में खेला जाएगा।
इंग्लैंड की फुटबॉल टीम का 55 साल का इंतजार खत्म हो गया है। इंग्लैंड इससे पहले वर्ष 1966 में किसी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी और मुकाबला जीता था। अब 55 साल बाद इंग्लैंड एक बार फिर बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंच गई है। घरेलू मैदान में अपने ही लोगों के बीच खेलते हुए फाइनल में पहुंचना इंग्लैंड के लिए राहत से कम नहीं था। सेमीफाइनल मुकाबले में डेनमार्क की टीम ने अच्छी शुरुआत की और पहले हाफ में ही बढ़त हासिल कर ली।
मैच के दूसरे हाफ में इंग्लैंड की ओर से हमला जारी रहा। इसके बावजूद डेनमार्क ने इंग्लैंड को गोल करने का मौका नहीं दिया। हालांकि निर्धारित 90 मिनट में दोनों में से कोई भी टीम जीत नहीं सकी और मुकाबला अतिरिक्त समय में गया। अतिरिक्त समय के पहले हाफ में ही इंग्लैंड ने बढ़त हासिल की। 103वें मिनट में हैरी केन ने पेनल्टी ली, लेकिन शमाइकल ने इसे रोक दिया लेकिन केन ने गेंद को रिबाउंड पर गोलपोस्ट में जमा दिया और टीम को 2-1 की बढ़त दिला दी।