
FIFA World Cup 2022: विश्व कप शुरू होने से 4 दिन पहले आया था मुआनी को बुलावा, मैदान पर उतरते ही फैलाई सनसनी
दोहा. किस्मत अगर बुलंद हो तो रास्ता कहीं से भी निकल सकता है, कुछ ऐसा ही हुआ 24 साल के रेंडल कोलो मुआनी के साथ। मुआनी जापान में अपने बुंदेसलीगा क्लब इंट्रेक्ट फ्रेंकफर्ट के साथ प्रदर्शनी मैच खेलने गए थे कि उन्हें कतर में फीफा विश्व कप के शुरू होने से चार दिन पहले सुबह के सात बजे फ्रांसीसी टीम के मुख्य कोच दिदिएर डैशचैम्पस का फोन आया। डैशचैम्प्स ने मुआनी को बताया कि उन्हें तुरंत कतर में टीम से जुड़ना है क्योंकि क्रिस्टोफर कुंकू चोटिल होकर टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं। कोच डैशचैम्प्स के चयन को सही साबित करते हुए इस युवा सितारे ने बुधवार देर रात विश्व कप के दूसरे सेमीफाइनल में मोरक्को के खिलाफ मैदान में उतरने के महज 44वें सेकंड में ही गोल दाग दिया।
सब्स्टीट्यूट के तौर पर तीसरा सबसे तेज गोल
मुआनी को मैच के 78वें मिनट में सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी के तौर पर मैदान पर उतारा गया था और 44 सेकंड के भीतर उन्होंने टीम के लिए दूसरा गोल कर मोरक्को की पहली बार फाइनल में जगह बनाने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। मुआनी ने विश्व कप इतिहास में सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी के तौर पर तीसरा सबसे तेज गोल किया। उनसे पहले उरुग्वे के रिचर्ड मोरालेस ने 2002में 16 सेकंड में और डेनमार्क के ऐबे सेंड ने 1998 विश्व कप में मैदान पर उतरने के 26वें सेकंड के अंदर गोल दागे थे।
एम्बापे और मुआनी एक ही जगह से
मुआनी का जन्म पेरिस के एक छोटे से कस्बे बोंडी में हुआ था। दिलचस्प यह है कि फ्रांस के स्टार फुटबॉलर किलियन एम्बापे भी इसी शहर से हैं और उनमें व मुआनी की उम्र में महज 15 दिन का अंतर है। एक ओर जहां एम्बापे को बेहद जल्दी स्टारडम मिला, वहीं मुआनी को इसके लिए कड़ी मेहनत और लंबा इंतजार करना पड़ा। नवंबर 2015 में मुआनी फ्रांसीसी क्लब नांतेस की यूथ टीम से जुड़े। इसके तीन साल बाद उन्हें पेशेवर फुटबॉल में पदार्पण करने का मौका मिला। वे फ्रांस की अंडर-21 टीम की ओर से भी खेल चुके हैं।
Published on:
16 Dec 2022 11:01 pm
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