इंटरकॉन्टिनेंटल कपः उत्तर कोरिया के खिलाफ भारतीय फुटबॉल टीम की शर्मनाक हार
भारत को फाइनल में जाने के लिए करने थे 6 गोल
भारत के खिलाफ खेला जा गया मैच सीरिया के लिए करो या मरो का मैच था क्योंकि इस मैच में जीत उसे फाइनल में पहुंचा देती, लेकिन ड्रॉ के कारण उसका फाइनल में जाने का सपना टूट गया। अब शुक्रवार को इंटरकॉन्टिनेंटल कप के फाइनल में उत्तर कोरिया और तजाकिस्तान की टीमें भिड़ेंगी। भारतीय टीम को अगर फाइनल में जगह बनानी थी तो सीरिया के खिलाफ मैच में कम से कम 6 गोल करने थे जो काफी मुश्किल ही लग रहा था।
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मैच में भारत की तरफ से हुआ पहला गोल
सीरिया के खिलाफ मैच का पहला गोल भारतीय टीम की तरफ से 18 साल के नरेंदर गहलोत ने मैच के 52वें मिनट में किया। वहीं जवाब में सीरिया ने 77वें मिनट में पेनाल्टी पर गोल कर वापसी की, लेकिन वह दूसरा गोल नहीं कर सकी और फाइनल में जाने से चूक गई। पहले हाफ में सीरिया ने भारत से ज्यादा मौके बनाए। चौथे मिनट में ही उसने भारत की गलती का फायदा उठा उसके घेरे में जाकर गोल करने की कोशिश की जिसमें गोलकीपर गुरप्रीत सिंह बाधा बन गए।
इसके बाद तो दोनों टीमों ने कई मौके गंवाए
भारत ने भी दो मिनट बाद करार जवाब दिया। मेजबान टीम के पास इस हाफ में गोल करने का यह सबसे बड़ा मौका था। उदांता सिंह ने सहल को शानदार क्रॉस दिया। सहल इसे अपने कब्जे में ले नहीं पाए। यहां तक की चांग्ते भी खाली पड़े गोल के सामने गेंद पर नियंत्रण नहीं रख सके और इस तरह भारत के पास से शुरुआती बढ़त हासिल करने का मौका निकल गया। यहां से सीरिया ने तीन बार गोल करने की करीबी कोशिशें की जो असफल रहीं।