
Indian Football Team Ranking: भारतीय फुटबाल टीम। (फोटो सोर्स: एक्स@/IndianFootball)
Indian Football Team Ranking: बात 2018 की है, जब भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम फीफा विश्व रैंकिंग में उज्बेकिस्तान से सिर्फ तीन स्थान पीछे थी। भारतीय टीम 98वें और उज्बेकिस्तान 95वें पायदान पर काबिज थी। अगले सात साल में उज्बेकिस्तान की टीम न सिर्फ 57वें स्थान पर पहुंच गई, बल्कि उसने इतिहास रचते हुए पहली बार फीफा विश्व कप 2026 के लिए क्वालीफाई भी कर लिया। दूसरी तरफ भारतीय टीम लगातार खराब प्रदर्शन से 127वें स्थान पर पहुंच गई। सवाल यह है कि आखिर भारत का फीफा विश्व कप में खेलने का सपना कब पूरा होगा? यदि पूर्व दिग्गजों की मानें तो अभी जो हालात है, उसमें विश्व कप खेलने में भारत को 200 साल लग जाएंगे।
भारत की जनसंख्या भले ही 1.40 करोड़ के करीब है, लेकिन फुटबॉल जगत में हम छोटे-छोटे देशों से भी काफी पीछे हैं। सिर्फ उज्बेकिस्तान ही नहीं बल्कि जॉर्डन ने भी विश्व कप के लिए क्वालीफाई कर लिया है। उज्बेकिस्तान की जनसंख्या 3.57 करोड़, जबकि जॉर्डन की सिर्फ 1.14 करोड़ है। ऐसे में साफ है कि सिर्फ जनसंख्या ज्यादा होने से कुछ नहीं होता, देश में प्रतिभाएं होनी चाहिए।
भारतीय टीम फीफा वर्ल्ड कप 2026 एएफसी क्वालीफायर राउंड-2 के ग्रुप-ए में थी, लेकिन टीम छह मैचों में सिर्फ एक जीत हासिल कर सकी। फाइनल क्वालीफायर में कतर के खिलाफ मिली हार से भारतीय टीम की उम्मीद खत्म हो गई।
- भारतीय फुटबॉल के बुरे हाल के लिए अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की खराब नीतियां जिम्मेदार हैं। पिछले चार दशक में भारतीय टीम के करीब 40 कोच रहे। इस दौरान एआइएफएफ घरेलू कोच विकसित करने में विफल रहा। भारत में अभी सिर्फ 26 प्रो-लाइसेंस प्रात कोच हैं।
- देश में कोई प्रतिस्पर्धी लीग नहीं है। हालांकि 2014 में इंडियन सुपर लीग शुरू की गई।, लेकिन छह महीने तक चलने वाली यह लीग विश्व स्तर की नहीं रही। ये लीग दुनिया के शीर्ष खिलाड़ियों को आकर्षित करने में विफल रही।
- एआईएफएफ में तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के कारण फीफा ने 2022 में उस पर प्रतिबंध लगा दिया। महासंघ की राजनीतिक और वित्तीय उथल-पुथल ने विश्वास का संकट पैदा कर दिया है। कई आई-लीग क्लबों ने प्रसारण के अधूरे वादों के कारण बहिष्कार की धमकी दी है।
- बाईचुंग भूटिया और सुनील छेत्री के अलावा कोई ऐसा फुटबॉलर नहीं है, जिसे वर्तमान पीढ़ी जानती हो। खिलाड़ियों में प्रतिभा की कमी नहीं है, लेकिन उनमें प्रतिबद्धता व जोश और जुनून की कमी साफ दिखाई देती है।
पूर्व भारतीय फुटबॉलर रहीम नबी का कहना है कि यदि हम अभी भी नहीं संभले और हमने एकजुट होकर प्रयास नहीं किया तो भारतीय टीम 200 सालों तक विश्व कप के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकती।
भारतीय टीम को यदि आगे बढऩा है तो जमीनी स्तर के बुनियादी ढांचे में सुधार करना होगा। एआईएफएफ को आपसी झगड़े व विवादों से हटकर खेल की प्रगति पर ध्यान देना होगा। देश में कोचिंग के स्तर को सुधारने व युवाओं के लिए ज्यादा अकादमियां खोलनी होंगी।
Published on:
09 Jun 2025 07:57 am
बड़ी खबरें
View Allफुटबॉल
खेल
ट्रेंडिंग
