
बस WhatsApp करने भर से पता चल जाएगा दवा असली है या नकली
नई दिल्ली: बाज़ार में नकली दवाओं के बढ़ते स्रोत को देखते हुए दवा कंपनियां अब अपनी सबसे ज्यादा बिकने वाली दवा के साथ-साथ अन्य प्रोडक्ट पर यूनीक कोड प्रिंट करने जा रही हैं। इस कोड के जरिए यह पता लगाना आसान हो जाएगा की यह दवाईयां असली है या नकली। ऐसा दवाओं की नकल से छुटकारा पाने के लिए किया जा रहा है। दवाईयां असली है या नकली इसको चेक करने के लिए ग्राहकों को बस एक WhatsApp मेसेज करना होगा इसके जरिए उन्हें खरीदे हुए दवाईयों और सीरप की सच्चाई का पता चल जाएगा।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया है कि इस कदम से भारतीय बाज़ार में पैर फैला चुकी 300 ड्रग कंपनियों की नकली दवाईयो से लोगों को छुटकारा मिल जाएगा। अधिकारी ने आगे बताया कि ड्रग्स टेक्निकल अडवाइजरी बोर्ड (DTAB) ने 16 मई को हुई बैठक में 'ट्रेस एंड ट्रैक' सिस्टम लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके बाद शीर्ष 300 दवा ब्रांड के लेबल पर 14 अंकों का नंबर प्रिंट होगा। उन्हेंने यह भी बताया कि इससे आम लोगों के बीच दवा की गुणवत्ता को लोकर भरोषा बढ़ेगा। साथ ही, फर्जी दवाओं से लोगों को पूरी तरह से निजात मिल जाएगा। इस ट्रेक एंड ट्रेस मैकेनिज्म के लिए अभी 300 ब्रांड्स का चुनाव किया जाएगा।
प्रस्ताव के मुताबिक, टॉप 300 फार्मास्युटिकल्स ब्रांड्स की दवाओं पर 14 अंकों का नंबर प्रिंट किया जाएगा। मार्केट में बिकने वाली दवा के प्रत्येक पत्ते और बॉटल पर ये यूनिक नंबर होंगा। इसके अलावा, दवाईयों में एक मोबाइल नंबर भी प्रिंट होगा। यह मोबाइल नंबर दवा कंपनी ही उपलब्ध कराएगी।
दवा खरीदने वाले ग्राहक दवा के पत्ते और सीरप की बॉटल पर प्रिंटेड 14 अंको के यूनिक नंबर को कंपनी की तरफ से उपलब्ध कराए मोबाइल नंबर पर मेसेज या WhatsApp कर सकते हैं। आपके मेसेज करने के साथ ही दवा बनाने वाली कंपनी का नाम, पता, बैच नंबर, मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट जैसे डिटेल्स आपके पास वापस मेसेज कर दिए जाएंगे। जिससे आपको खरीदे हुए दवा के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी।
Published on:
26 May 2018 05:42 pm
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