येे है कारण आपको बता दें, काफी दिनों से एप्पल और ट्राई के बीच डू नॉट डिस्टर्ब ऐप को लेेकर तकरार चल रहा है। इस कि वजह ये है कि ट्राई नेे आईफोन यूज़र्स के लिए डीएनडी ऐप का नया वर्जन डीएनडी 2.0 बनाया है। लेकिन, एप्पल ने इस ऐप को अपने प्ले स्टोर पर जगह नहीं दी है। ट्राई का कहना ये है कि एप्पल इस ऐप को अपने प्ले स्टोर में जगह दे जिससे यूज़र्स को फेक कॉल और स्पैम मैसेज सेे छुटकारा मिल सके।
ट्राई ने उठाया था ये सवाल दरअसल, ट्राई ने साफ कहा है कि अगर स्मार्टफोन कंपनी एप्पल अपने आईफोन में इस ऐप को जगह नहीं देता है तो आईफोन भारतीय नेटवर्क पर काम करना बंद कर देगा। वहीं, अमेरिकी कंपनी एप्पल का इस मामले में कहना है कि डीएनडी ऐप यूज़र्स के कॉल्स और मैसेज रिकार्ड करने की अनुमति मांगता है जिससे यूजर्स की प्राइवेसी को खतरा है। साथ ही कंपनी का कहना है कि वो ट्राई के ऐप की जगह खुद का अपना ऐप विकसित करेगी।
ट्राई की नई गाइड लाइन ट्राई ने देश के सभी टेलीकॉम कंपनियों को यह निर्देश दिया है कि उनके नेटवर्क पर सभी रजिस्टर्ड डिवाइस पर डीएनडी ऐप के 2.0 वर्जन को रेग्यूलेशन के नियम 6(2)(e) और 23(2)(d) के तहत नेटवर्क की अनुमति मिले। ऐसे में अगर कोई टेलीकॉम ऑपरेटर पर रजिस्टर्ड डिवाइस पर डीएनडी ऐप की अनुमति नहीं मिलती है तो उसके रजिस्ट्रेशन को टेलिकॉम नेटवर्क से रद्द कर दिया जाएगा। हालांकि, गूगल ने अपने प्ले स्टोर में एंड्रॉयड यूजर्स के लिए डू नॉट डिस्टर्ब ऐप का 2.0 वर्जन उपलब्ध करा दिया है। ऐसे में अगर एप्पल ट्राई के इस फैसले को नहीं मानती है तो आईफोन का रजिस्ट्रेशन टेलीकॉम नेटवर्क से रद्द किया जा सकता है।