
ये डिवाइस बताता है चैनल की TRP, सिर्फ इन ख़ास लोगों के घरों किया जाता है असेंबल
नई दिल्ली: आप सभी ने टीआरपी (TRP) का नाम सुना होगा यह टर्म अक्सर टेलीविजन चैनल और प्रोग्राम्स के लिए इस्तेमाल किया जाता है। TRP का पूरा नाम है टेलीविजन रेटिंग पॉइंट, जिसका मतलब ये है कि यह किसी चैनल और शो की रेटिंग को मापने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कोई चैनल या उसका शो किस पायदान पर स्टैंड करता है इस बात का फैसला टीआरपी के हिसाब से ही होता है।
क्या होती है जरूरत
आपको बता दें कि किसी भी चैनल की कमाई उसके ऐड से होती है और जिस भी चैनल को ज्यादा ऐड मिलेंगे वो उतनी ही ज्यादा कमाई करेंगे। अगर किसी चैनल की टीआरपी ज़्यादा होती है तो उस चैनल को ज्यादा ऐड मिलते हैं जिनके अच्छे खासे दाम भी मिलते हैं वहीं आगर किसी चैनल की टीआरपी कम होती है तो उसे ऐड भी कम मिलते हैं और उनके दाम भी कम मिलते हैं जिसकी वजह से चैनल की कमाई कम होती है। चैनल की टीआरपी उसपर दिखाए जाने वाले प्रोग्राम्स पर भी निर्भर करती है, जिस शो की टीआरपी ज्यादा आती है उस शो से चैनल की टीआरपी भी बढ़ती है और चैनल को अच्छी खासी कमाई होती है। ऐसे में किसी भी चैनल की लिए टीआरपी बहुत जरूरी होती है।
ऐसे पता की जाती है TRP
TRP जानने के लिए एक विशेष प्रकार के गैजेट का इस्तेमाल किया जाता है जिसे People Meter कहते हैं, इस मीटर की मदद से ही टीवी देखने वाले लोगों की आदतों पर नजर रखी जाती है। दरअसल यह मीटर देखता है कि कौन सा यूजर कितने देर के लिए कौन सा चैनल देखता है और कितनी बार चैनल बदलता है, इन सब चीज़ों के हिसाब से एक रिपोर्ट बनाई जाती है जिसे टीआरपी कहते हैं। बता दें कि टीआरपी मीटर काफी महंगा होता है ऐसे में हर किसी के घर में इसे नहीं लगाया जाता है बल्कि एक ख़ास सर्कल में लोगों के घरों में इसे लगाया जाता है। जिसके हिसाब से चैनल का टीआरपी तय होता है।
Published on:
10 Jan 2019 09:40 am
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