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मोबाइल रेडिएशन है इंसानों की जान का दुश्मन, अपने फोन में ऐसे करें चेक

मोबाइल रेडिएशन इंसानों से लेकर पशु-पक्षियों तक की जान का दुश्मन है

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Anil Kumar

Oct 05, 2017

Mobile Phone Radiation

Mobile Phone Radiation

मोबाइल रेडिएशन आज इंसानों के लिए खतरे की घंटी बन चुका है। यह न सिर्फ इंसान बल्कि पशु-पक्षियों तक की जान का भी दुश्मन बन चुका है। टेक्नोलॉजी के जानकारों का कहना है कि जहां आज लोग स्मार्टफोन से लेकर अन्य स्मार्ट गैजेट्स 1 मिनट के लिए भी दूर नहीं रह सकते वो असल में वो साइलेंट किलर है। इनके रेडिएशन से मानसिक अवसाद समेत कई तरह की घातक बीमारियां होने की आशंका बनी रहती है। इंडियाज नेशनल स्पेसिफिक एब्जॉर्बशन रेट लिमिट (आईएनएसएआरएल) के मुताबिक मोबाइल के रेडिएशन का मानक अधिकतम 1.6 वॉट प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए। लेकिन चीन समेत कई इंटरनेशनल कंपनियां इस नियम की परवाह किए बिना धड़ाधड़ अपने स्मार्टफोन भारतीय मार्केट में बेच रही हैं।


मोबाइल रेडिएशन है साइलेंट किलर
मिनिस्ट्री ऑफ कम्यूनिकेशन के ‘स्पेसिफिक ऑब्जर्शन रेट’ (सार) के तहत किसी भी स्मार्टफोन, टैबलेट या अन्य स्मार्ट डिवाइस का रेडिएशन 1.6 वॉट प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए। यह नियम शरीर से गैजेट की 1.5 सेंटीमीटर की दूरी पर भी लागू होता है। फोन पर बात करते हुए या जेब में रखे हुए आपका फोन या अन्य गैजेट का रेडिएशन इस सीमा से ज्यादा है तो यह आपके स्वास्थ और उम्र दोनों के लिए हानिकारक है। इसके अलावा सेल्युलर टेलीकम्यूनिकेशन एंड इंटरनेट एसोसिएशन के अनुसार सभी मोबाइल हैंडसेट पर रेडिएशन से संबंधित जानकारी देनी जरूरी है।

मोबाइल रेडिएशन को ऐसे करें चेक
यदि आप अपने मोबाइल फोन का रेडिएशन को चेक करना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें अपने मोबाइल से *#07# डायल करें। यह नंबर डायल करते ही मोबाइल स्क्रीन पर रेडिएशन संबंधी जानकारी नजर आ जाएगी। इसमें दो तरह से रेडिएशन का स्तर दिखाया जाता है। इनमें एक ‘हैड’ और दूसरा ‘बॉडी’ का होता है। हैड यानी फोन पर बात करते हुए मोबाइल रेडिएशन का स्तर क्या है और बॉडी यानी फोन का इस्तेमाल करते हुए या जेब में रखे हुए रेडिएशन का स्तर क्या है। ऐसे में ध्यान रखें आपके फोन की रेडिएशन की लिमिट 1.6 वॉट प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए।

मोबाइल रेडिएशन से ऐसे बचें
टेक्नोलॉजी विशेषज्ञों के अनुसार मोबाइल रेडिएशन से बिल्कुल मुक्त तो नहीं हुआ जा सकता, लेकिन कुछ समय के लिए इससे बचकर जरूर रहा जा सकता है। इससे बचने के लिए कभी भी फोन को चार्ज पर लगाकर बात नहीं करें क्योंकि ऐसे समय में मोबाइल रेडिएशन 10 गुना तक बढ़ जाता है। इसके अलावा सिग्नल कमजोर होने या फिर बैटरी डिस्चार्ज होने पर भी कॉल नहीं करें क्योंकि इस दौरान भी रेडिएशन का स्तर बढ़ जाता है। जहां तक हो सके ईयरफोन या हैडफोन यूज करें। इससे शरीर पर रेडिएशन का असर कम होगा।