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Curruption Case: कलेक्टर कराएंगे एक करोड़ के घोटाले की जांच, बुरी फंसी जनपद अध्यक्ष

Devbhog Curruption Case: कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष व देवभोग जनपद उपाध्यक्ष सुखचन्द बेसरा ने आज गरियाबंद पहुंच कर कलेक्टर प्रभात मलिक को अपना इस्तीफा सौंपा दिया है। साथ ही उन्होंने देवभोग जनपद में हुए भ्रस्टाचार की जांच की मांग की है।

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Devbhog Curruption Case

Devbhog Curruption Case

Devbhog Curruption Case: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में मंगलवार को जनपद उपाध्यक्ष द्वारा देवभोग जनपद(Devbhog district) में अनियमितता के मामले को लेकर कलेक्टर के समक्ष 7 बिंदुओं को लेकर शिकायत की गई थी। इसके साथ ही उन्हें इस्तीफा भी सौंप दिया था, जिसके चलते अफरा-तफरी मच गई थी।

कलेक्टर प्रभात मलिक(Collector Prabhat Malik) ने अब घोटाले की जांच के करने लिए आज 6 सदस्यीय टीम गठित की है। कलेक्टर द्वारा गठित यह टीम 19 जनवरी को देवभोग जनपद पहुंचेगी। इस सम्बन्ध में जिला पंचायत सीईओ कार्यालय से देवभोग जनपद को आज सूचना भी भेजी गई है।

लाखों की गड़बड़ी करने का आरोप
इसमें जनपद सीईओ देवभोग को 19 जनवरी यानी आज गुरूवार को सभी रिकॉर्ड समेत जांच दल के समक्ष उपस्थित होने का आदेश जारी किया गया है। उपाध्यक्ष सुखचन्द बेसरा(Vice President Sukhchand Besra) ने जनपद अध्यक्ष नेहासिंघल और सीईओ की मिलभगत से कई योजनाओ में लाखों की गड़बड़ी करने का आरोप लगाया गया है।

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इस्तीफे की पेशकश
इसके अतिरिक्त उन पर यह भी आरोप लगाया गया है कि पति दीपक सिंघल(Deepak Singhal) के फर्म को अनैतिक लाभ पहुंचाया गया है। अब बेसरा ने इस्तीफ़ा देने की पेशकश की है। राजधानी रायपुर पहुंच कर बेसरा ने प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत के सामने प्रस्तुत होकर समस्त जानकारी पेश की है।

देवभोग जनपद में भारी भ्रस्टाचार रोकने में नाकाम जनपद उपाध्यक्ष ने कलेक्टर के सामने इस्तीफा सौंप कर 7 बिंदुओं में जांच की मांग की है। उपाध्यक्ष बोले पद का दुरुपयोग कर पति के फर्मों के बिल से लाखों का भुगतान ले लिया है। जनपद अध्यक्ष ने ब्यवसायिक परिसर आबंटन में मनमानी कर सरकार की छवि भी धूमिल किया। रोकने टोकने पर मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की धमकी दी जाती है। देर शाम 15 सदस्यों के दतख्त वाली अविश्वास प्रस्ताव लेकर जनपद अध्यक्ष कलेक्टोरेट पहुंची है।

कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष व देवभोग जनपद उपाध्यक्ष सुखचन्द बेसरा(District Vice President Sukhchand Besra) ने आज गरियाबंद पहुंच कर कलेक्टर प्रभात मलिक को अपना इस्तीफा सौंपा दिया है। साथ ही उन्होंने देवभोग जनपद में हुए भ्रस्टाचार की जांच की मांग की है। बेसरा ने 7 बिंदुओं में अनियमिता को गिनाने से पहले कहा है कि भाजपा समर्थित जनपद अध्यक्ष द्वारा जनपद को मिले जनकल्याणकारी मदों को सीईओ के साथ मिलकर बंदरबाट किया है। लगभग 3 साल के कार्यकाल में 1 करोड़ से ज्यादा का भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है।

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बताया कि जब जब गड़बड़ियों की भनक लगी, भरी बैठक मेें उनके द्वारा रोक टोक किया जाता रहा। चूंकि जनपद में भाजपा समर्थित सदस्यों की संख्या ज्यादा है। सदस्य को गुमराह कर आसानी से कई ऐसे प्रस्ताव करा लिया जाता था, जिसमें जन कल्याण की उपेक्षा व निज स्वार्थ झलकता था। बेसरा ने कहा कि इनका विरोध करने पर मुझे पद से हटवाने की धमकी दी जाती है। बेसरा ने कहा कि मैं जनपद में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने में नाकाम रहा इसलिए कलेक्टर को अपना इस्तीफा दिया है।

वाहन के नाम पर नियम विरुद्ध भुगतान
ज्ञापन में लिखा गया है कि मनरेगा कार्य निरीक्षण (MNREGA work inspection) के नाम पर स्कॉर्पियो वाहन किराए पर लगाया गया है। जो जनपद अध्यक्ष के ज्वेलरी में काम करने वाले कर्मी के नाम पर है। निविदा प्रक्रिया में हेर फेर कर जनपद अध्यक्ष नेहा सिंघल द्वारा पद का दुरुपयोग कर वाहन लगाया गया है। पहले वाहन चालक के नाम पर लाखों रुपए मनरेगा से भुगतान करवाया। दोबारा वाहन नौकर के नाम पर खरीदी गई,मनरेगा से भुगतान रुका तो जनपद के अन्य मदों से नियम विरूद्ध भुगतान किया जा रहा है।

आरईएस इंजीनियर को बनाया एजेंसी
जनपद विकास निधि15 वे वित्त मद के कंटीजेंसी राशि, विधायक सांसद मद के बचत राशि, जनपद स्टाम्प शुल्कए उपकर एवं ब्याज की राशि के लगभग 1 करोड़ राशि का गबन फर्जी बिल लगाकर किया गया है। स्टेशनरी, वाहन,डीजल के अलावा अन्य कम बजट के मरम्मत व साज सज्जा के कार्य में खर्च दिखाकर रुपये गबन किया गया है। यंहा तक के जनपद में पदस्थ आरइएस विभाग के उपयंत्री को तक कार्य एजेंसी दर्शा कर उसके नाम पर राशि का भुगतान किया गया है।

सूबह 11 बजे बेसरा के इस्तीफे के पेशकश व शिकायत के बाद जनपद अध्यक्ष नेहा सिंघल जनपद सभापति व सदस्यों के साथ देर शाम कलेक्टोरेट पहुंची। उनके हाथों में 15 सदस्यों के हस्ताक्षर युक्त पत्र था,जिसमे जनपद उपाध्यक्ष सुखचन्द बेसरा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने मांग रखी गई थी। जिसे कलेक्टर प्रभात मलिक को सौंपा गया। सौंपे गए ज्ञापन में जनपद उपाध्याय सुखचन्द बेसरा पर सदस्यों से दुरव्यवहार करने का आरोप था। जनपद अध्यक्ष नेहा सिंघल ने कहा कि मुझ पर लगाये गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं। जनपद अध्यक्ष का कंही कोई दस्तखत नहीं होता न ही मेरे पति कोई काम करते हैं। परिसर का आबंटन सभा में लॉटरी सिस्टम से हुआ है, उपाध्यक्ष भी बैठा हुआ था। जहां भी शिकायत करना है कर लें आखिर जांच होगी तो सच सामने आ जाएगा।

जनपद के बाबू और अधिकारी की पत्नी को आवंटित की सरकारी व्यावसायिक दुकान
लिखित शिकायत में बेसरा ने बताया कि जनपद विकास निधि की राशि से बनाये गए व्यावसायिक परिसर के निर्माण से लेकर उसके दुकान के आबंटन में भारी अनियमितता बरती गई है। सामुदायिक भवन के पुराने दीवार पर परिसर खड़ा कर पूर्ण मूल्यांकन किया गया। आबंटन में 5वें नम्बर की दुकान लिलम ध्रुव जो कि जनपद मनरेगा शाखा में सहायक ग्रेड 3 के रूप में कार्यरत हैं । 8 नम्बर की दुकान कृतिका मरकाम के नाम आवंटित है, जो की जनपद में पदस्थ सहायक विस्तार अधिकारी पालेश्वर मरकाम( Assistant Extension Officer Paleshwar Markam) की पत्नी हैं।

बगैर रेंट कंट्रोलर के अभिमत के किराये का दर बाजार भाव से ज्यादा तय किया गया। किराए दर से पगड़ी के रूप में 30 से 40 हजार रुपए नगद लिया गया। आबंटन लॉटरी सिस्टम से हुआ। जनपद से जुड़े उक्त दो महिलाओं के नाम लॉटरी सिस्टम में शामिल नहीं था। इसका मैंने विरोध किया, लेकिन जनपद अध्यक्ष सब कुछ जानते हुए भी प्रस्ताव पारित करवा लिया। परिसर आबंटन में किए गए मनमानी से सरकार की छवि धूमिल हुई है