
Bihar Assembly Elections 2025 Gaya
Bihar Assembly Elections 2025 बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। प्रत्येक विधानसभा में संभावित प्रत्याशी अपनी जीत हार के लिए मैदन मां उतर चुके हैं। बिहार के गयाजी में इस दफा रोचक मुकाबला होने की संभावना है। इस सीट पर पिछले 35 साल से बीजेपी का कब्जा है। प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी के राजनीतिक कद के हिसाब से जीत का अंतर ऊपर-नीचे हुआ, लेकिन जीत का सेहरा बीजेपी के प्रेम कुमार के सिर पर चढ़ा। विपक्षी दलों ने प्रेम कुमार को पटखनी देने के लिए बार-बार अलग-अलग चेहरा को मैदान में उतारा। लेकिन, उनको कभी सफलता नहीं मिली। हालांकि, पिछले तीन चुनावों से जीत का कम होता अंतर प्रेम कुमार के लिए इस बार चैलेंज है। प्रेम कुमार नीतीश सरकार में सहकारिता मंत्री हैं।
2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस की सीधी टक्कर थी। कांग्रेस की ओर चुनाव मैदान में बीजेपी के प्रेम कुमार के खिलाफ अखौरी ओंकार नाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव थे। लेकिन, कड़ी टक्कर में प्रेम कुमार 11898 वोट से जीत गए। इस बार चुनाव में महागठबंधन की चुनौती भाजपा के तिलिस्म को तोड़ने की होगी। देखना होगा कि बीजेपी यह सीट बचाती है या महागठबंधन 35 सालों का रिकार्ड तोड़ती है।
दरअसल, 1990 में ‘मंडल’ की लहर में जब बिहार में कांग्रेस का गढ़ ढहना शुरू हुआ तो इसकी चपेट में गया टाउन विधानसभा क्षेत्र भी आया। यहां 1990 में डॉ प्रेम कुमार ने जो खूंटा गाड़ा, वह आजतक कायम है। इससे पहले यह सीट कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था। पिछले (वर्ष 2020) चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस का प्रदर्शन ठीक था। हालांकि कांग्रेस चुनाव हार गई थी। पिछले चुनाव (2020) में प्रेम कुमार के खिलाफ सबसे ज्यादा वोट कांग्रेस प्रत्याशी अखौरी ओंकार नाथ (55034) को मिले थे। वोटों के अंतर के लिहाज से प्रेम कुमार को सबसे कड़ी टक्कर 2000 में सीपीआई के मसउद मंजर से मिली थी। तब, हार और जीत में मतों का अंतर सिर्फ 3959 था। प्रेम कुमार को 37 हजार 264 और मसउद मंजर 33 हजार 205 वोट मिले थे।
गया जी शहर में अल्पसंख्यक समुदाय और वैश्य समाज के करीब 50-50 हजार वोटर हैं। वहीं कायस्थ और चंद्रवंशी समाज के 25-25 हजार वोटर हैं। नई बसावट के कारण भूमिहार 25 हजार, राजपूत 15 हजार, अतिपिछड़ा करीब 30 हजार, कोयरी-कुर्मी आदि के 25 हजार वोटर हैं।
1951 में गया विधानसभा सीट अस्तित्व में आया। अस्तित्व में आने के बाद से इस सीट पर पांच बार कांग्रेस यहां से चुनाव जीती। दो बार जनसंघ और एक बार निर्दलीय प्रत्याशी को जीत मिली। हालांकि 1985 के बाद कांग्रेस इस सीट पर कभी नहीं जीती। 1990 से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है।
⦁ गया में बागेश्वरी गुमटी पर आरओबी का नहीं हुआ निर्माण
⦁ बीथो बीयर बांध की मांग नहीं हुई पूरी
⦁ गया जी से शहर से बोधगया तक फल्गु नदी किनारे सड़क निर्माण
⦁ घुघड़ीटांड बाइपास पर ओवरब्रिज का काम नहीं हुआ शुरू
⦁ गया जी शहर में जाम की समस्या बरकरार
Updated on:
07 Aug 2025 09:59 am
Published on:
07 Aug 2025 09:58 am
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