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पांच साल की बच्ची ने बताई बहन की मौत की दास्तां, पोस्टमार्टम के बिना हुआ अंतिम संस्कार

एक बार फिर कृषि प्रधान देश में मासूम की भूख से हुई मौत, तीन साल की मासूम की मौत के बाद उनकी तीन बहनों का भी चल रहा इलाज

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पांच साल की बच्ची ने बताई बहन की मौत की दास्तां, पोस्टमार्टम के बिना हुआ अंतिम संस्कार

गाजियाबाद। देश में हर दिन कई मौतें होती हैं, किसी की मौत दुर्घटना में होती है, तो कोई गंभीर बीमारी का शिकार होके दुनिया को अलविदा कहता है। कुछ तो अपनी जींदगी भरपूर जी कर यहां से जाते हैं, लेकिन उनका क्या, जिन्हें इस दुनिया में बस चंद दिन, महीने या साल हुए हो। उन मासूमों ने तो अभी ठीक से बोलना भी नही सिखा हो और उनकी मौत ऐसी वजह से हो जो हमारे देश के लिए शर्म की बात है। शर्म की बात है हमारी सरकारों के लिए जो गरीबों के नाम पर तमाम योजनाए जारी करती हैं। लेकिन शायद वो महज कागजी ही रह जाती हैं। गाजियाबाद में भी एक दिन पहले तीन साल की मासूम की मौत का मालला सामने आया है जिसने अपने पिछे कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

कृषि प्रधान देश में भूख से मौत!-

कृषि प्रधान देश में जब किसी की मौत भूख से हो तो ये कोई छोटी घटना नहीं, क्योंकि हमारे देश की ज्यादातर अर्थव्यवस्था भी कृषि पर ही निर्भर है। लेकिन पिछले दिनों देश की राजधानी दिल्ली में भूख से तीन बहनों की मौत का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि पश्चिमी यूपी के गाजियाबाद जिले से एक ऐसी ही घटना सामने आ रही है। जहां एक तीन साल की बच्ची की संदिग्ध मौत हो गई। जिसेक बाद अंदेशा जताया जा रहा है कि बच्ची की मौत कुपोषण और भूख से हुई है। लेकिन यहां सिर्फ तीन साल की मासूम ही नहीं है बल्कि उसकी दो और बहने हैं जिन्होंने बड़े ही मासूमियत से कहा कि तीन-चार दिनों से उनके पेट में अन्न का एक दाना तक नहीं गया।

मृतक बच्ची की तीन और बहनों का चल रहा इलाज-

दरअसल साहिबाबाद की रहने वाली कृष्णा की एक बच्ची की मौत हो गई है जबकि उसकी तीन बहने भी कुपोषण का शिकार हैं। जिनका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। बच्चियों का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया है कि बच्चियां कुपोषित हैं और उल्टी-दस्त की शिकार हैं। अस्पताल में बच्चियों ने भी बताया कि उन्हें तीन दिन से खाना नहीं मिला था। वहीं तीन साल की मासूम की मौत भूख से ही हुई थी इसके जांच के आदेश दे दिए दिए गए हैं।

क्या कहा बच्चियों की मां ने-

अपनी मासूम बच्ची की मौत पर उसकी मां का कहना है कि आर्थिक स्थिति ठीक ना होने की वजह से कई बार भीख मांगकर गुजारा करना पड़ता है और ऐसे में वह बच्चियों के लिए भरपेट खाने का जुगाड़ नहीं कर पाती थी। उसने बाताया कि उसका पति दिनेश ढाबे पर काम करता है। वह न तो बेटियों का ख्याल रखता है और न ही घर खर्च के लिए पैसे देता है। मजबूरन वह शाहदरा में भीख मांगकर अपना और अपनी चारों बच्चियों का पेट भरती थीं। अस्पताल में भर्ती पांच वर्षीय संगीता ने बताया कि पिता ने शुक्रवार से ही उन्हें खाने को कुछ नहीं दिया। छोटी बहन नीतू को सुबह चार बजे उल्टी और दस्त शुरू हो गए। इसके बाद उसके पेट में तेज दर्द होने लगा। पिता उसे लेकर मोहननगर के एक अस्पताल पहुंचे तो उसकी मौत हो गई।

वहीं बच्ची का मां ने ये भी कहा कि पुलिसवालों से मौत का कारण पूछा था लेकिन पुलिस ने नहीं बताया। इसके बाद उसने अपनी बेटी के शव का पोस्टमार्टम कराने की भी मांग की थी लेकिन पति मना करते हुए शव को अपने साथ ले गया और अंतिम संस्कार कर दिया।

डीएम ने दिए जांच के आदेश-

इस मामले में जब सीएमओ डॉ एनके गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि चिकित्सकों के मुताबिक बच्चियों को डायरिया है। उनका इलाज किया जा रहा है। वहीं गाजियाबाद की डीएम रितु माहेश्वरी ने बताया बच्ची की संदिग्ध हालात में मौत की सूचना मिली थी। सीएमओ को जांच के आदेश दिए गए हैं।


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