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दिसंबर में इस बिल्डिंग को ध्वस्त करने का आदेश पास हुआ था और 6 महीने बाद जुलाई में भी दोबारा ध्वस्तीकरण का ऑर्डर पास किया गया। उसके बाद भी बिल्डर ने काम जारी रखा। अब चार जेई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश कमिश्नर ने डीएम को दिए हैं। साथ ही मेरठ मंडल के सभी डीएम को उनके जिले में हो रहे अवैध निर्माणों को प्राथमिकता से देखने के आदेश दिए हैं। कमिश्नर ने कहा कि ध्वस्तीकरण के आदेश के बाद भी अगर निर्माण कार्य होता हुआ पाया जाएगा तो बिल्डर के साथ ही इलाके के जेई और एई के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी।
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कमिश्नर का कहना है कि जितनी हाईराइज बिल्डिंग का निर्माण हो रहा है, उनके बाहर एक बोर्ड लगाया जाएगा कि मेरा नक्शा इस डेट में पास हुआ है। साथ ही यदि किसी बिल्डिंग को गिराने का आदेश पास किया जाता है तो गिराने के आदेश को बिल्डिंग पर पेंट भी कराया जाएगा ताकि लोगों को ऑर्डर के बारे में पता चल सके। हाईराइज बिल्डिंग के नक्शे के पास होने पर अथॉरिटी के बोर्ड पर उसकी डिटेल पेंट की जाएगी ताकि अथॉरिटी आने-जाने वाले लोगों को पता चल सके कि बिल्डिंग वैध है या अवैध।