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अबॉर्शन की दवा खाने के बाद भी पैदा हो गई बेटी, मां ने छत पर पटकर मारा, सिर की हड्डी दो हिस्सों में टूटी

गाजियाबाद में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। एक महिला ने अपनी बेटी को जन्म देने के सिर्फ 45 मिनट बाद ही मार डाला।

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यूपी न्यूज

प्रतीकात्मक फोटो

गाजियाबाद के सिहानी गेट थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह मकान की छत पर मृत हालत में मिली नवजात बच्ची को मां ने ही पड़ोसी की छत पर पटककर मारा था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में साफ हुआ कि बच्ची की मौत सिर की हड्डी दो हिस्सों में टूटने और हाथ-पैर में गंभीर फ्रैक्चर से हुई है। डॉक्टरों ने पुष्टि की है कि बच्ची को जन्म के एक घंटे के भीतर ही मार दिया गया था।

पूछताछ में करती रही गुमराह

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद पुलिस ने बच्ची की मां को हिरासत में लिया। शुरुआत में महिला ने पुलिस को गुमराह किया। उसने कहा कि बच्ची मृत पैदा हुई थी। घबराहट में उसे खाली प्लॉट में फेंकना चाहा, लेकिन वह पड़ोसी की छत पर गिर गई। लेकिन जब पुलिस ने उसे पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट दिखाई, तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

डॉक्टरों ने मेडिकल वजहों से अबॉर्शन करने से किया मना

आरोपी महिला का नाम झरना है। वह पश्चिम बंगाल की रहने वाली है। डेढ़ साल पहले उसकी शादी बिहार के दरभंगा के बादल से हुई थी। बादल छोटे-मोटे काम करके परिवार चलाता है। झरना शादी के बाद से ही बेटा चाहती थी।झरना जब गर्भवती हुई तो 5 महीने बाद उसने दरभंगा के एक निजी नर्सिंग होम में भ्रूण जांच करवाई। रिपोर्ट में सामने आया कि गर्भ में बेटी है। झरना किसी भी हालत में बेटी नहीं चाहती थी। उसने पति को इस बारे में नहीं बताया और खुद ही गर्भपात कराने की कोशिश की। डॉक्टरों ने मेडिकल वजहों से अबॉर्शन करने से मना कर दिया।

इसके बाद झरना ने कुछ रिश्तेदार महिलाओं से संपर्क किया और उनसे गर्भपात के लिए दवाइयों के बारे में पूछा। दवाइयां खाने से उसकी तबीयत बिगड़ गई। तब उसने पति से कहा कि वह कुछ दिन बहन के पास जाना चाहती है। इस पर पति ने भी मना नहीं किया।

गाजियाबाद आकर रची गई पूरी साजिश

14 नवंबर को झरना गाजियाबाद पहुंची। उसकी बहन सविता सिहानीगेट इलाके के नेहरू नगर के राकेश मार्ग पर रहती है। यहां आकर झरना ने साफ कह दिया कि वह इस बच्ची को नहीं चाहती। इसके बावजूद किसी अस्पताल में डिलीवरी के लिए संपर्क नहीं किया गया।

4 दिसंबर को दिया बेटी को जन्म

4 दिसंबर की रात झरना को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। बहन ने अस्पताल चलने को कहा, लेकिन उसने मना कर दिया। 5 दिसंबर सुबह करीब 6 बजे घर पर ही बच्ची का जन्म हुआ। पुलिस पूछताछ में झरना ने बताया कि बेटी पैदा होने के बाद वह घबरा गई थी। उसे डर था कि पति को सच्चाई पता चल जाएगी। इसी दौरान उसने छत से बच्ची को पीछे वाले खाली प्लॉट में फेंकने की योजना बनाई, ताकि किसी को कुछ पता न चले, क्योंकि वहां CCTV भी नहीं था।

लेकिन जब उसने बच्ची को छत से फेंका, तो वह खाली प्लॉट की बजाय 20 फीट दूर पड़ोसी विनय रावत के घर की छत पर जा गिरी। वहां पानी की टंकी के पीछे बच्ची की लाश पॉलिथीन में लिपटी हुई मिली। विनय ने यह देखकर तुरंत पुलिस को सूचना दी।

पड़ोसी की जानकारी से पुलिस झरना तक पहुंची

पुलिस ने बताया कि बच्ची का शव देखने से साफ लग रहा था कि उसे कुछ ही घंटे पहले जन्म दिया गया है। इसके बाद फोरेंसिक जांच करवाई गई और आसपास के घरों में पूछताछ शुरू की गई। एक पड़ोसी ने पुलिस को बताया कि पास के मकान में शंकर सेन उर्फ गणेश किराये पर रहते हैं और 27 दिन पहले उनकी साली झरना वहां आई थी, जो गर्भवती थी। इसी जानकारी के आधार पर पुलिस झरना तक पहुंची।


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