आपको बता दें की मामला थाना सिम्भावली क्षेत्र के गांव मुरादपुर का है। यहां गांव के ही युवक-युवती के बीच काफी समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था, लेकिन युवती के परिजनों को दोनों का प्रेम पसंद नहीं था। इससे लड़की के परिवार वाले नाराज चल रहे थे। करीब 7 माह पूर्व लकड़ी की संदिग्ध परिस्तिथियों में मौत हो गई थी। लड़की के परिवार वाले उसके शव को पास में ही कब्र में दफना देते हैं, जब इस बात का प्रेमी नदीम को पता चलता है तो वो रातों को अपनी प्रेमिका की कब्र पर जाकर सोया करता था। चार माह बाद जब प्रेमी नदीम को पता चलता है कि उसकी प्रेमिका की उसके परिजनों ने जहर देकर हत्या की थी तो वो न्याय के लिए पुलिस की शरण में गया, लेकिन उसको न्याय नहीं मिला। फिर वह न्याय के लिए कोर्ट की शरण में गया। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने लकड़ी के परिवार वालों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने के आदेश के साथ ही कब्र से शव को निकलवाकर पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। आदेश को तामील करते हुए अधिकारियों ने 8 सितंबर 2017 को भारी पुलिसफोर्स के साथ गांव में पहुंच कर शव को कब्र से निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ कि लड़की की कीटनाशक दवा से मौत हुई थी। इसके बाद लड़की पक्ष के लोगों में हड़कंप मच गया। इस रिपोर्ट के बाद अपने खिलाफ कानूनी शिकंजा कसने से आक्रोशित लड़की पक्ष के लोगों ने लड़के पक्ष पर फायरिंग कर दी। इसमें दो लोग घायल हो गए और डॉक्टरों ने एक की हालत को गंभीर देखते हुए मेरठ रेफर कर दिया।
गांव में फायरिंग की सुचना मिलते ही अधिकारी भारी पुलिस फ़ोर्स के साथ घटना स्थल पर पहुंचे। इसके बाद घायलों को असपतम में भर्ती कराकर आरोपियों की तलाश में जुट गई। इस मामले में पुलिस सवालों के घेरे में आ गई है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि जब पुलिस को पता था कि इनमें रंजिश चल रही है और लड़की पक्ष पर कोर्ट के आदेश पर मुकदमा भी दर्ज है, तो अभी तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की। लड़के पक्ष के लोगों को कोई सुरक्षा क्यों नहीं दी गई। अब देखना ये होगा कि पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है।