
पति ने कहा- पत्नी के हत्यारोपियों पर एक्शन नहीं लिया तो आत्महत्या कर लूंगा, सीओ बोले- कर लो, कोई दिक्कत नहीं, ऑडियो वायरल-
गाजियाबाद. जब यूपी पुलिस के आला अधिकारी ही गैरजिम्मेदाराना जवाब दें तो छोटे पुलिसकर्मियों का क्या हाल होगा। इसी तरह का एक मामला गाजियाबाद के मोदीनगर में सामने आया है। दरअसल, एक पीड़ित ने थाने के पुलिसकर्मियों की शिकायत एक सीओ से की। पीड़ित ने सीओ को बताया कि यदि उसकी सुनवाई नहीं हुई तो वह आत्महत्या कर लेगा। हैरानी वाली बात ये है कि इस पर सीओ ने ऐसा जवाब दिया कि पीड़ित भी चौंक गया। सीओ ने पीड़ित से कहा कि यदि आपको आत्महत्या करनी है तो कर लीजिए। बता दें कि पीड़ित ने सीओ से हुई पूरी बातचीत अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर ली और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसके बाद पीड़ित गाजियाबाद के नवनियुक्त एसएसपी उपेंद्र अग्रवाल से मिला और उसने सीओ की शिकायत करते हुए आपबीती सुनाते हुए सीओ की रिकॉर्डिंग भी सुनाई। इस पर एसएसपी उपेंद्र अग्रवाल ने कहा कि यदि गलती से भी अधिकारी ने यह कहा है तो उन्हें सख्त हिदायत दी जाएगी।
आपको बताते चलें कि गाजियाबाद के मोदीनगर इलाके के गांव सीकरी में रहने वाले एक अकाउंटेंट युवक ने 2016 में अपने गांव की ही रहने वाली एक लड़की के साथ प्रेम विवाह कर लिया था। प्रेम विवाह करने के बाद भी वे अपने-अपने घर पर ही रह रहे थे। हाल में ही दोनों ने शादी के बारे में अपने-अपने घरवालों को बताया तो लड़की के परिजनों ने इस शादी का जमकर विरोध किया। साथ ही लड़की का घर से निकलना भी बंद कर दिया। यानी उसे घर के अंदर ही कैद करके रखा गया और उसके साथ लगातार मारपीट भी की गई। पीड़ित अकाउंटेंट का आरोप है कि हद तो तब हो गई जब परिजनों लड़की के बाल काट दिए। युवक ने बताया कि बीते शुक्रवार को फोन आया कि उसकी पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि लड़की का अंतिम संस्कार बगैर पोस्टमार्टम के ही करा दिया गया। इसकी शिकायत पीड़ित अकाउंटेंट ने स्थानीय पुलिस से की, लेकिन उसके बाद भी उसकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हुई तो वह अपनी फरियाद लेकर एसपी देहात अरविंद कुमार मौर्य के पास पहुंचा। एसपी देहात ने इसकी जांच क्षेत्राधिकारी केपी मिश्रा को सौंपी और पीड़ित से कहा कि पुलिस इस पूरे मामले में जानकारी कर रही है।
पीड़ित का आरोप है कि यह पूरा मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। उसने क्षेत्राधिकारी केपी मिश्रा से अपनी शिकायत के बारे में जानकारी ली और उसी दौरान पीड़ित द्वारा क्षेत्राधिकारी से यह भी कहा गया कि यदि उसकी सुनवाई नहीं की गई तो वह आत्महत्या कर लेगा। इसके जवाब में क्षेत्राधिकारी द्वारा साफ तौर पर यह कह दिया गया कि यदि तुम्हें आत्महत्या करनी है तो कर लीजिए। पीड़ित ने क्षेत्राधिकारी से बातचीत की यह पूरी बात अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर ली और उसे वायरल कर दिया। इसके बाद उस रिकॉर्डिंग को लेकर ही वह नवनियुक्त एसएसपी उपेंद्र अग्रवाल के पास पहुंचा। फिलहाल एसएसपी ने इस पूरे मामले में पीड़ित को न्याय दिलाने का भरोसा देते हुए कहा है कि यदि क्षेत्राधिकारी द्वारा इस तरह की बात कही गई है। साथ ही क्षेत्राधिकारी को सख्त हिदायत देने की बात कहते हुए जल्द ही इस मामले में कार्रवाई की बात कही है।
वहीं इस पूरे मामले में क्षेत्राधिकारी केपी मिश्रा का कहना है कि पीड़ित आए दिन उनसे फोन पर ही बात करता था। उसने उन्हें कभी कोई लिखित तहरीर नहीं दी, लेकिन वह हमेशा फोन पर ही बात करता रहता था। हो सकता है कि कुछ इस तरह की बात मुंह से निकल गई हो। बहराल बड़ा सवाल यह है कि जब पुलिस के आला अधिकारी ही पीड़ितों के साथ इस तरह का व्यवहार करेंगे तो छोटे पुलिसकर्मियों का क्या हाल होगा? यानी ऐसी बातों से छोटे पुलिसकर्मियों को ज्यादा बढ़ावा मिलेगा।
Published on:
17 Nov 2018 10:51 am
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