
गठबंधन के बावजूद इस चुनाव में सपा ने नहीं दिया बसपा का साथ, बुरी तरह हारा बसपा प्रत्याशी
गाजियाबाद. गाजियाबाद नगर निगम कार्यकारिणी के 6 पदों के निर्वाचन के लिए शनिवार को हुए चुनाव में बसपा को क्राॅस वोटिक के कारण करारी हार का मुंह देखना पड़ा है। इस चुनाव के बाद ये साफ हो गया है कि भले ही सपा-बसपा में लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन हो गया है, लेकिन अभी भी सपा-बसपा नेताआें में फूट है। इस चुनाव में जहां भाजपा समेत तमाम दलों के बड़े नेताआें जैसे भाजपा से राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल, सांसद आैर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह, साहिबाबाद से विधायक सुनील शर्मा, मुरादनगर से विधायक अजीत पाल त्यागी आैर बसपा एमएलसी सुरेश कुमार कश्यप समेत कर्इ नेताआें ने नगर निगम पहुंचकर अपने मतों का प्रयोग किया। वहीं सपा के एक एमएलसी समेत छह लोग वोट डालने नगर निगम नहीं पहुंच सके। साथ ही अन्य कुछ लोगों ने भी बसपा प्रत्याशी के खिलाफ क्राॅस वोटिंग की। इस तरह सपा-बसपा का इकलौता उम्मीदवार संख्या बल पूरा होने के बावजूद इस चुनाव में हार गया।
बता दें कि महापौर आशा शर्मा ने निगम कार्यकारिणी समिति के 6 पदों पर चुनाव के लिए बैठक आहूत की थी। इस चुनाव में भाजपा के 4 आैर बसपा के एक पार्षद ने नामांकन दाखिल किया था। वहीं कांग्रेस ने संख्या बल पूरा नहीं होने के बावजूद 2 पार्षदों का नामांकन दाखिल करा दिया। राजनीतिक दलों ने कांग्रेस के एक प्रत्याशी से नामांकन वापस लेने के लिए आम सहमति बनाने का प्रयास किया, लेकिन इसके बावजूद बात नहीं हो सकी। इसके बाद हुए चुनाव में कुछ लोगों ने क्राॅस वोटिंग कर दी। वहीं सपा के एक एमएलसी समेत 6 लोग वोट डालने ही नहीं पहुंचे।
जैसे ही चुनाव परिणाम घोषित किए गए तो कांग्रेसियों की बांछे खिल गर्इ, लेकिन बसपा का खेमा मायूस हो गया। मतगणना के बाद चुनाव अधिकारी प्रमोद कुमार ने परिणाम घोषित किए तो सपा-बसपा गठबंधन में पड़ी फूट भी खुलकर सामने आ गर्इ। संख्या पूरा होने के बावजूद बसपा पार्षद चुनाव हार गए। वहीं संख्या बल में कम होने के बाद भी कांग्रेसी अपने दो पार्षदों को चुनाव जिताने में कामयाब रहे। वहीं उम्मीद के मुताबिक भाजपा के 4 पार्षद भी चुनाव जीत गए।
Updated on:
25 Feb 2019 06:28 pm
Published on:
24 Feb 2019 02:01 pm
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