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नोट फॉर वोट मामले में बढ़ सकती हैं भाजपा आैर सपा के नेताआें की मुश्किले

23 अप्रैल को कोर्ट में हाजिर होेने के लिए जारी किया गया नोटिस

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गाजियाबाद।भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मेयर आशु वर्मा और पूर्व पार्षद व सपा नेता सत्यपाल यादव की मुश्किले बढ़ सकती हैं। दो साल पहले नगर निगम के कार्यकारिणी चुनाव में नोट के बदले वोट के मामले में अब अदालत सख्त हो गई है। जिला जज की कोर्ट ने इस मामले में पूर्व महापौर अशु वर्मा व पूर्व पार्षद सत्यपाल यादव को 23 अप्रैल को कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश दिए हैं। कांग्रेस पार्षद दल के नेता जाकिर अली सैफी की तऱफ से इस मामले में याचिका दायर की गई थी। तभी से इस पर सुनवाई की जा रही थी। अब इस मामले में दोनों को पेश होकर अपना पक्ष रखना होगा।

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क्या है पूरा मामला

वर्ष-2016 कार्यकारिणी चुनाव की गरमा गरमीं में कार्यकारिणी चुनाव के दौरान पार्षद जाकिर अली सैफी की ओर से बाकायदा एक लाख रुपये भरे सदन में लहराये गये थे। सैफी की तरफ से आरोप लगाया गया था कि उसे दो लाख रुपये वोट देने के नाम पर तय किए गए थे और बतौर पेशगी एक लाख रुपये दिए गए। नोट भरे सदन मे लहराये जाने के बाद पूरा सदन स्तब्ध रह गया था और तत्कालीन मेयर अाशु वर्मा की ओर से जांच कराये जाने के निर्देश दिए गए थे। सैफी ने पार्षद पर ही रुपये दिए जाने की बात कही थी।

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याचिका कर्ता का कहना

कांग्रेस पार्षद दल के नेता और याचिका कर्ता जाकिर अली सैफी ने बताया कि कोर्ट ने अब 23 अप्रैल को सुनवाई की तारीख तय की है और पूर्व मेयर अाशु वर्मा व पूर्व पार्षद सत्यपाल यादव को तलब किया है। इसके संबंध में डीएम और एसएसपी से भी शिकायत की गई थी।


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