
गाजियाबाद। कांग्रेस पार्टी की तरफ से हाल ही में उत्तर प्रदेश चुनाव प्रक्रिया के अन्तर्गत गाजियाबाद जनपद में भी जिला व शहर कांग्रेस में भी चुनाव कराया गया। निर्वाचित पीसीसी व एआईसीसी सदस्यों की सूची जारी की जारी की गई है। पीसीसी की लिस्ट में कई पुराने कांग्रेस नेताओं के नाम को इस बार बाहर कर दिया गया है। इसकी वजह से संगठन के पदाधिकारियों में विवाद खड़ा हो गया है। महानगर उपाध्यक्ष ने पीसीसी सदस्यों की सूची में हेरफेर किए जाने का आरोप लगाया है।
दूसरे दलों में सक्रिय लोगों को दी गई जगह
महानगर उपाध्यक्ष सलीम सैफी के मुताबिक पीसीसी की सूची में दूसरे दलों में एक्टिव लोगों के नामों को भी शामिल किया गया है। फर्जी सूची में ऐसे कई लोगों के नाम शामिल हैं जो पार्टी की चुनाव प्रक्रिया के दौरान बीजेपी, सपा, बसपा आदि दलों में राजनीति कर रहे थे। उनका कांग्रेस पार्टी से कोई संबंध नहीं था। ऐसे 15 से 20 लोगों को फर्जी सूची में पीसीसी व एआईसीसी का सदस्य घोषित किया गया जो कि पूर्ण रूप से अवैध व असंवैधानिक है। कांग्रेस पार्टी की तरफ से चुनाव प्रक्रिया मध्य प्रदेश से (डीआरओ) शुक्ला को गाजियाबाद जनपद में नियुक्त किया। जिनकी देखरेख में चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न कराई गई।
नियमों की हुई अनदेखी
पीसीसी की जारी की गई सूची में अनदेखी किए जाने का आरोप भी लगाया गया है। पार्टी संविधान के अनुसार चुनाव प्रक्रिया में शामिल होने के लिए पार्टी का सदस्य होना अनिवार्य है। जो तीन साल का समय पूरा नहीं करता है तो उसको पीसीसी या एआईसीसी सदस्य नहीं बनाया जा सकता। लेकिन डॉली शर्मा, जाकिर सैफी, जितेन्दर पाल, उमाशंकर शर्मा आदि लोगों को निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल न होने के बावजूद भी संगठन के महत्वपूर्ण पीसीसी व एआईसीसी सदस्य निर्वाचित घोषित कर दिया गया। जबकि महानगर अध्यक्ष पूजा चड्ढा समेत कई लोगों को दरकिनार किया गया।
दायर की जाएगी याचिका
महानगर कांग्रेस कमेटी गाजियाबाद के उपाध्यक्ष सलीम सैफी ने बताया कि कांग्रेस पार्टी देश के संविधान को बचाने की बात कर रही है। जबकि स्वयं कांग्रेस पार्टी ही अपने संविधान को खत्म कर रही है। इस फर्जी सूची के खिलाफ याचिका दायर की जाएगी।
Published on:
19 Mar 2018 06:13 pm
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