
गजियाबाद। शहर में भले ही नगर निगम लोगों को स्वच्छ पानी आपूर्ति करने का दावा करता है। लेकिन सच्चाई ये है कि लोगों को पानी के साथ साथ बीमारी भी मुफ्त में ही मिल रही है। शहर में आधा दर्जन से अधिक नलकूपों से आपूर्ति किए जाने वाला पानी पीने के लिए योग्य नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की माने तो इनमें टीडीएस की मात्रा तय मानक से कहीं अधिक है। सबसे ज्यादा टीडीएस की मात्रा कैला भटठा इलाके में पायी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने जिला प्रशासन को इसके संबंध में रिपोर्ट भेज दी है।
विशेषज्ञों की मानें तो ये हालात बहुत ही गंभीर है। निगम प्रशासन को चाहिए कि वह नए नलकूप लगाने एवं लाइनों के विस्तार के स्थान पर इस बात की पडताल कराए कि किन कारणों से पीने के पानी में टीडीएस की मात्रा बढ रही है। वैसे शहर भर में निगम के द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले पानी में टीडीएस की मात्रा ज्यादा पाए जाने का ये नया मामला नहीं है। इससे पूर्व में भी टीडीएस की मात्रा ज्यादा पाए जाने के मामले सामने आ चुके है।
शहर में इन जगहों पर है दिक्कत
कैलाभटठा में पानी में टीडीएस की मात्रा 2541 पायी गई है। जबकि एमएमजी नलकूप संख्या एक के पानी में टीडीएस मात्रा 1481,एमएमजी के नलकूप संख्या दो के पानी में टीडीएस मात्रा 1482, सराय नजर अली के नलकूप से टीडीएस की मात्रा 1471,चमन कालोनी कैला भटठा नलकूप के पानी में टीडीएस की मात्रा 1241,चमडा पैंठ इस्लाम नगर के नलकूप से टीडीएस मात्रा 1141 एवं जस्सीपुरा नलकूप के पानी में टीडीएस मात्रा 1255 और पुराना आर्य नगर के नलकूप के पानी में टीडीएस मात्रा 935 पायी गई है। बताते है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुसार पानी में टीडीएस की मात्रा अधिकतम 500 मानी गई है।
सीएमओ का कहना
सीएमओ डा एन के गुप्ता ने बताया कि नगर निगम के जलकल एवं विभागीय टीम के द्वारा संयुक्त रूप से की गई पडताल के बाद रिपोर्ट जिला प्रशासन और नगर निगम को भेजी है। रिपोर्ट में पानी की पडताल पुनः कराते हुए लोगों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति किए जाने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट की प्रति महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य,निदेशक संक्रामक रोग और नगर आयुक्त को भेजी गई है।
Published on:
20 Jan 2018 12:10 pm
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