11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मुरादनगर में गाय की तेरहवीं के लिए किसान ने बांटे कार्ड, भाजपा विधायक समेत हजारों लोग पहुंचे भोज करने

मुरादनगर के गांव काकड़ा में गाय की मौत के बाद पूरे हिंदू रीति-रिवाज से की गई तेरहवीं

2 min read
Google source verification
ghaziabad

गाजियाबाद. जिला गाजियाबाद में बेहद चौंकाने वाली खबर प्रकाश में आई है, जिसे सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे। जी हां, आपने आज तक इंसान की मौत के बाद अंतिम संस्कार और उसके बाद तेरहवीं के बारे में सुना और देखा होगा। लेकिन, क्या आपने किसी गाय की मौत के बाद अंतिम संस्कार और तेरहवीं के बारे में न तो सुना होगा और न ही ऐसा होते हुए देखा होगा। मुरादनगर के गांव काकड़ा में गाय की मौत के बाद पहले उसका पूरे हिंदू हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद बाकायदा कार्ड छपवाकर आस—पास के गांवों में बांटे गए। इस गाय की तेरहवीं के भोज में क्षेत्रीय विधायक अजीतपाल त्यागी समेत करीब एक हजार लोग पहुंचे।

यह भी पढ़ें- मंदिर में महिलाओं से अश्लील हरकत करने वाले ढोंगी बाबा का महिलाओं ने किया ये हाल

बता दें कि मुरादनगर के काकड़ा गांव निवासी देवप्रकाश शर्मा ने 13 साल पहले तत्कालीन ग्राम प्रधान सतीश त्यागी से दो हजार रुपये में एक गाय खरीदी थी। उन्होंने इसका नाम गौरी रखा। धीरे—धीरे यह गाय उनके परिवार का हिस्सा बन गई। देवप्रकाश गौरी को घर के एक सदस्य की तरह ही दुलार करते थे। वहीं गौरी भी देवप्रकाश के पास आते ही उन्हें चाटती और अपना प्रेम जाहिर करती थी। लेकिन, 31 मार्च को गौरी को किसी जहरीले कीड़े ने काट लिया, जिससे उसकी मौत हो गई। गौरी के मौत से देवप्रकाश बेहद दुखी हुए और इसके बाद देवप्रकाश ने बैंड बाजे के साथ गौरी की शवयात्रा निकाली थी, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण भी शामिल हुए थे। गौरी के अंतिम संस्कार के बाद देवप्रकाश ने तय किया कि वे अपनी गौरी की तेरहवीं अलग ढंग से करेंगे और इस तरह उन्होंने गौरी की तेरहवीं के लिए बाकायदा कार्ड छपवाए। इन कार्डों को काकड़ा गांव के अलावा आसपास के गांवों में भी बांटा गया। रविवार को गौरी की तेरहवीं के भोज में क्षेत्रीय विधायक अजीतपाल त्यागी समेत करीब एक हजार लोग पहुंचे। इस मौके पर सभी लोग बस यही कह रहे थे कि उन्होंने कभी ऐसा पशु प्रेम नहीं देखा।

यह भी पढ़ें- बड़ा खुलासा: भीम आर्मी प्रमुख के भूख हड़ताल मामले में नया मोड़, जेल अधीक्षक बोले- हमने रावण के साथ जबरन किया ये काम

देवप्रकाश ने बताया कि जब वे गौरी को घर लाए थे तो उसने एक बछिया को जन्म दिया था। इसके बाद उसने कभी प्रजनन नहीं किया, लेकिन लगातार दूध दे रही थी। गौरी 10 से लेकर 14 लीटर तक दूध देती थी। वहीं पशु चिकित्सालय के प्रभारी डॉ. राहुल अग्रवाल ने बताया कि हार्मोंस बढ़ने के कारण गाय लगातार बिना प्रजनन के दूध देती रहती है। ऐसी स्थिति में गाय का दूध सामान्य ही रहता है। ऐसा केस एक हजार में से एक होता है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अन्य बड़ी खबरें देखने के लिए यहां क्लिक करें-


बड़ी खबरें

View All

गाज़ियाबाद

उत्तर प्रदेश

ट्रेंडिंग