
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद। कृषि कानून को रद्द किए जाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान पिछले 1 महीने से अधिक समय से गाजियाबाद दिल्ली के यूपी गेट पर धरने पर बैठे हुए हैं। जिन्होंने दिल्ली जाने वाला रास्ता पूरी तरह जाम किया हुआ है। हालांकि दिल्ली से गाजियाबाद की तरफ आने वाला रास्ता खुला हुआ है। लेकिन बीच-बीच में उसे भी किसानों के द्वारा बंद कर दिया जाता है। इन किसानों का कहना है कि सरकार किसान विरोधी कार्य कर रही है। यह कानून जबरदस्ती किसानों पर थोपा गया है। इतनी कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे किसान पिछले 1 महीने से बैठे हुए हैं और सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है। एक महीना पूरा होने के बाद वहां पर मौजूद किसानों ने अब अपने खून से पत्र लिखना शुरू कर दिया है।
दरअसल, यूपी गेट बॉर्डर पर धरने पर बैठे सभी किसानों का कहना है कि जब तक यह कानून वापस नहीं होता तब तक किसान अपने घर वापस नहीं लौटेगा। सरकार को देखना चाहिए कि इस वक्त गेहूं की बुवाई का वक्त है और किसान खुले आसमान के नीचे धरने पर बैठने को मजबूर हो रहा है। उनकी फसल भी लेट हो रही है। उसके बाद भी सरकार आंखें बंद कर बैठी है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसान साफ कर चुका है कि दिल्ली से खाली हाथ वापस नहीं लौटेगा। जिला प्रशासन तो किसानों का ध्यान दे रहा है लेकिन केंद्र सरकार ने उनसे जो दूरी बनाई हुई है वह ठीक नहीं है। अटल बिहारी ने किसानों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया, जो मौजूदा सरकार कर रही है। अब किसान सरकार को खून से पत्र लिखकर भेजेंगे।
ड्रोन से हो रही निगरानी
बता दें कि प्रशासन ने अब ड्रोन कैमरे बढ़ाए जाने का फैसला लिया है। इतना ही नहीं, यहां पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं। सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन कैमरे से अब यहां पल-पल की जानकारी ली जा सकेगी। आईजी जोन प्रवीण कुमार ने कहा है कि किसानों के आंदोलन पर पुलिस प्रशासन किसी भी तरह की लापरवाही बरतने के मूड में नहीं है। इसी के चलते यहां पर भारी संख्या में पुलिस तैनाती के साथ ही जिले के सभी आलाधिकारी यहां पर प्रतिदिन नजर बनाए रखते हैं और दौरा करते हैं। सीसीटीवी कैमरे के साथ ही अब पुलिस यहां पर ड्रोन कैमरे से भी निगरानी कर रही है। यहां आंदोलन के चलते अतिरिक्त इंटेलिजेंस भी लगा दिया गया है।
Published on:
25 Dec 2020 10:04 am
बड़ी खबरें
View Allगाज़ियाबाद
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
