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गजब! एक पिता के 5 बच्चे, 3 SC और 2 OBC, जांच के दौरान चकरा गए एसडीएम और डीएम

UP Caste Fraud: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिला प्रशासन की जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां एक पिता की 5 संतानों में 3 SC और 2 लड़कों ने खुद को OBC बताया है। आइए जानते हैं पूरा मामला...

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Fraud in making caste certificate in Ghaziabad Among 5 children of same father, 2 SC and 3 OBC

यूपी के गाजियाबाद में फर्जीवाड़ा

Caste Fraud in Ghaziabad: देश की राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए यहां एक परिवार ने गजब का फर्जीवाड़ा किया है। शिकायत मिलने पर डीएम ने एसडीएम से इसकी जांच कराई तो अधिकारी भी हैरान रह गए। इसके बाद एक युवक का जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया गया है। जबकि अन्य से ठोस आधार वाले कागजात मांगे गए हैं। दरअसल, गाजियाबाद जिले में जाति प्रमाण पत्र बनवाने में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां एक पिता की पांच संतानों में 3 SC यानी अनुसूचित जाति और 2 ने OBC यानी पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाणपत्र बनवा लिया। इतना ही नहीं, इन्हीं में से एक ने भाजपा के टिकट पर एससी का प्रमाणपत्र लगाकर पार्षदी का चुनाव भी जीत लिया। हालांकि पार्षद का जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया गया है।

अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर लगाया फर्जी प्रमाणपत्र
निकाय चुनाव 2023 में गाजियाबाद जिले के विजयनगर वार्ड-26 सुंदरपुरी में पार्षदी की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी। यहां विजयनगर के सुंदरपुरी निवासी राजकुमार पुत्र गोकुलचंद ने एससी का प्रमाणपत्र लगाकर भाजपा के टिकट पर पार्षद पद के लिए नामांकन कर दिया। इसके बाद राजकुमार चुनाव जीतकर पार्षद बन गए। चुनाव जीतने के बाद डीएम से किसी ने इस मामले की शिकायत कर दी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिकायतकर्ता का कहना था कि राजकुमार ने चुनाव में अपनी जाति कोरी बताई है। जबकि वे मल्लाह हैं। इसपर डीएम राकेश कुमार स‌िंह ने एसडीएम से इस मामले की जांच करने को कहा। एसडीएम की रिपोर्ट में सामने आया कि राजकुमार ने कोरी जाति का प्रमाणपत्र लगाया है। जो यूपी में अनुसूचित जाति मानी गई है। एसडीएम ने भारतीय शिक्षा संस्‍थान जूनियर हाईस्कूल गाजियाबाद से टीसी मांगी। इसमें राजकुमार की जाति मल्लाह बताई गई थी। इसके बाद राजकुमार का एससी वाला जाति प्रमाणपत्र निरस्त किया गया।

भाइयों और बहन के प्रमाणपत्र भी अलग-अलग मिले
दूसरी ओर आरोपी पार्षद राजकुमार के भाई वेद प्रकाश और हरबंश लाल ने मल्लाह जाति का प्रमाणपत्र बनवाया है। जो यूपी में पिछड़ा वर्ग मानी जाती है। इसके अलावा राजकुमार के एक भाई मदनलाल ने खुद को कोरी बताकर जाति प्रमाणपत्र बनवाया है। राजकुमार की बहन सीमा पत्नी पवन कुमार ने हरियाणा के अंबाला कैंट से जाति प्रमाणपत्र बनवाया। इसमें भी उनकी जाति कोरी बताई गई है। इसके बाद इनके पैतृक गांव की जानकारी मांगी गई। इसपर राजकुमार के भाई वेद प्रकाश ने खुद का जन्म बाराबंकी जिले के मल्लापुरवा गांव में होना बताया। हालांकि अभी भी इस परिवार के सदस्य अपनी अलग-अलग जातियां बता रहे हैं। एसडीएम ने फिलहाल गाजियाबाद की तहसील सदर से जारी राजकुमार का प्रमाणपत्र निरस्त करने की आख्या डीएम को भेजी है।

एसडीएम सदर विनय कुमार सिंह ने बताया कि डीएम के आदेश पर प्रमाणपत्र की जांच की गई थी। यह प्रमाणपत्र गलत दस्तावेज देकर बनवाया गया है। फिलहाल उसे निरस्त करते हुए आख्या डीएम को भेजी गई है। वहीं गाजियाबाद के सहायक निर्वाचन अधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि चुनाव जीतने के बाद यदि प्रत्याशी का जाति प्रमाणपत्र गलत पाया जाता है तो मामला कोर्ट में चला जाता है। अदालत उसके निर्वाचन पर फैसला सुनाती है। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गाजियाबाद के कुल 25 वार्डों के मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। अब वार्ड 26 का मामला भी कोर्ट भेजा जाएगा। यहां ज्यादातर मामले फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनवाने के हैं।