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SIR UP के आंकड़े: करोड़ों गणना प्रपत्र नहीं लौटे,गाजियाबाद सहित इन 22 जिलों की स्थिति आई सामने

यूपी में SIR प्रक्रिया चल रही है। आयोग हर संभव प्रयास कर रहा है। मतदाता सूची से भारी संख्या में नाम हटाने की संभावना है। गाजियाबाद और राजधानी की स्थिति बेहद चिंताजनकह है। अभी प्रदेश भर में करोड़ फॉर्म वापस नहीं हुई है। आइये जानते हैं। किस जिले में कितना असर पड़ेगा।

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फोटो सोर्स पत्रिका

फोटो सोर्स पत्रिका

उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान बड़े पैमाने पर नाम हटने की संभावना है। शहरी जिलों में स्थिति ज्यादा गंभीर है। जबकि बुंदेलखंड के जिलों में हालात अपेक्षाकृत बेहतर बताए जा रहे हैं। अभी भी करोड़ों गणना प्रपत्र जमा नहीं हुए हैं। इसलिए आयोग ने अंतिम तारीख बढ़ा दी है।

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और लखनऊ में मतदाता सूची से सबसे ज्यादा नाम हटने की संभावना है। गाजियाबाद में करीब 11.41 लाख मतदाता, यानी 40.23 प्रतिशत नाम सूची से बाहर हो सकते हैं। वहीं, लखनऊ में 12.32 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने की आशंका है। जो कुल मतदाताओं का 30.86 प्रतिशत है। निर्वाचन आयोग की तमाम कोशिशों के बावजूद प्रदेश भर में अभी तक 2 करोड़ 98 लाख 19 हजार 53 लोगों के गणना प्रपत्र जमा नहीं हो सके हैं। इसे देखते हुए आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत गणना प्रपत्र वितरित करने और वापस जमा करने की अंतिम तिथि 26 दिसंबर तक बढ़ा दी है।

आयोग के उच्चपदस्थ सूत्रो के अनुसार, शहरी इलाकों में बड़ी संख्या में ऐसे मतदाता सामने आ रहे हैं। जो स्थायी रूप से बाहर चले गए हैं। जिनकी मृत्यु हो चुकी है। या जिनके नाम एक से ज्यादा बार दर्ज हैं। 12 दिसंबर शाम 4 बजे तक की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश में 19.31 प्रतिशत गणना प्रपत्र अभी भी असंग्रहीत श्रेणी में हैं। नवंबर महीने में एसआईआर के लिए फ्रीज की गई मतदाता सूची में उत्तर प्रदेश में कुल 15 करोड़ 44 लाख 30 हजार 92 मतदाता दर्ज थे। इनमें से अब तक 80.69 प्रतिशत मतदाताओं के गणना फॉर्म डिजिटाइज किए जा चुके हैं।

इन 20 जिलों में सबसे अधिक नाम हटने की संभावना

बहराइच (20.91%), सिद्धार्थनगर (20.65%), संभल (20.61%), संतकबीरनगर (20.36%), प्रतापगढ़ (20.09%) और सीतापुर (20%) शामिल हैं। बलरामपुर (26.72%), कानपुर नगर (25.62%), प्रयागराज (25.48%), गौतमबुद्धनगर (25.32%), मेरठ (25.26%), आगरा (23.65%), शाहजहांपुर (23.16%), हापुड़ (22.67%), कन्नौज (22.19%), फर्रूखाबाद (21.72%), बरेली (21.33%), बदायूं (21.08%), वहीं दूसरी ओर, ललितपुर में सबसे कम केवल 9.28 प्रतिशत नाम कटने की संभावना है। इसके अलावा हमीरपुर (11.05%), महोबा (12.74%), बांदा (12.82%), अमरोहा (13.53%), पीलीभीत (13.90%), अम्बेडकरनगर (14.04%), झांसी (14.04%), चित्रकूट (14.25%) और गाजीपुर (14.54%) में भी नाम कटने की दर कम बताई जा रही है।


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