
गाजियाबाद के निवाड़ी थाने का वीडियो हुआ वायरल
उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस की पहचान आमतौर पर सख्त कार्रवाई और एनकाउंटर को लेकर होती है। कहा जाता है कि अपराधी सामने हो तो पुलिस सेकेंडों में फैसला ले लेती है। लेकिन मोदीनगर के निवाड़ी थाने से सामने आए एक वीडियो ने इस दावे की पोल खोल दी है।
यह वीडियो उस वक्त का बताया जा रहा है, जब डीसीपी ग्रामीण सुरेंद्रनाथ तिवारी निवाड़ी थाने का निरीक्षण करने पहुंचे थे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों और दरोगाओं को अपने हथियार जमीन पर रखकर खोलने और फिर से जोड़ने को कहा। इसी दौरान दो दरोगा पिस्टल ठीक से खोल ही नहीं पाए। इतना ही नहीं, लोड और अनलोड करने में भी उन्हें काफी दिक्कत होती दिखी। पूरा वाकया कैमरे में कैद हो गया और बाद में यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
वीडियो में साफ नजर आता है कि बड़े अधिकारी के सामने ही दरोगा हथियार को लेकर उलझे हुए हैं। जिस पुलिस से उम्मीद की जाती है कि वह मुठभेड़ के दौरान बिना चूके काम करेगी, वहां पिस्टल चलाने की बुनियादी जानकारी में कमी चौंकाने वाली है। सोचिए अगर यही हाल किसी असली ऑपरेशन में होता और सामने हथियारबंद अपराधी खड़ा होता, तो नतीजा कितना खतरनाक हो सकता था। हथियार अगर वक्त पर न चले या अटक जाए, तो पुलिसकर्मी की जान भी खतरे में पड़ सकती है।
इस वीडियो के सामने आने के बाद गाजियाबाद पुलिस की ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ वाली छवि पर सवाल खड़े हो गए हैं। लोगों का कहना है कि जब थाने के अंदर, डीसीपी की मौजूदगी में हथियार संभालने में परेशानी हो रही है, तो मैदान में हालात कैसे काबू में किए जाते होंगे। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस अफसरों की तरफ से कोई ठोस बयान नहीं आया है। सिर्फ एक छोटा सा प्रेस नोट जारी कर कहा गया कि निरीक्षण के दौरान सब कुछ ठीक पाया गया। लेकिन वायरल वीडियो कुछ और ही कहानी बयां कर रहा है। यह मामला सिर्फ दो दरोगाओं का नहीं, बल्कि पुलिस ट्रेनिंग की हकीकत पर सवाल खड़ा करता है।
Updated on:
18 Dec 2025 09:14 pm
Published on:
18 Dec 2025 09:13 pm
बड़ी खबरें
View Allगाज़ियाबाद
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
