
गाजियाबाद। कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) के दौरान करीब 20 किलो सोना पहनकर चर्चाओं में रहने वाले गोल्डन बाबा (Golden Baba) का लंबी बीमार के बाद मंगलवार देर रात निधन हो गया। उनका इलाज एम्स (Aiims) में चल रहा था। गोल्डन बाबा (Golden Baba aka Sudhir Kumar Makkad) हरिद्वार के कई अखाड़ों से जुड़े रहे हैं। उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं।
बता दें कि गोल्डन बाबा का असली नाम सुधीर कुमार मक्कड़ है। वह मूल रूप से गाजियाबाद के रहने वाले थे। बताया जाता है कि संन्यासी बनने से पहले सुधीर कुमार मक्कड़ दिल्ली में गारमेंट्स का कारोबार करते थे। इस कारोबार काफी पैसा कमाने के बाद उन्होंने साल 2013-14 में काम बंद कर दिल्ली स्थित गांधीनगर की अशोक गली में अपना आश्रम बना लिया। इसी साल से वह सुधीर मक्कड़ से गोल्डन बाबा बन गए।
गौरतलब है कि सुधीर कुमार मक्कड़ उर्फ गोल्डन बाबा को 1972 से ही सोना पहनना पसंद था। बताया जाता है कि वह सोने को अपना ईष्ट देवता मानते थे। वह हमेशा कई किलो सोना पहने रहते थे। बाबा की दसों उंगलियों में सोने की अंगूठी, बाजुबंद, सोना का लॉकेट, चेन आदि वह हमेशा पहने होते थे। बाबा की सुरक्षा में हमेशा 25-30 गार्ड तैनात रहते थे।
पुराने हिस्ट्रीशीटर थे गोल्डन बाबा
गोल्डन बाबा पूर्वी दिल्ली के पुराने हिस्ट्रीशीटर थे। उन पर अपहरण, फिरौती, जबरन वसूली, मारपीट, जान से मारने की धमकी जैसे तमाम छोटे-बड़े केस दर्ज हैं। वहीं कांवड़ यात्रा के दौरान कई किलो सोना पहनकर और गाड़ी के काफिले साथ निकलने के चलते वह हमेशा चर्चाओं में रहते थे।
कांवड़ यात्रा में चार किलो सोना किया था कम
गोल्डन बाबा ने पिछले वर्ष कांवड़ यात्रा के दौरान 16 किलो सोना पहना था, जबकि इससे पिछले वर्ष कांवड़ यात्रा के दौरान उन्होंने 20 किलो सोना पहना था। चार किलो कम सोना पहनने के पीछे गोल्डन बाबा ने अपनी खराब सेहत को वजह बताया था।
Updated on:
01 Jul 2020 01:49 pm
Published on:
01 Jul 2020 01:47 pm
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