
बड़ा खुलासाः गरीबों के सैकड़ों आशियाने तोड़ने वाले अधिकारियों के खुद के घर हैं अवैध
गाजियाबाद. एक तरफ जहां गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए), नगर निगम और जिला अधिकारी शहर में बिना नक्शा पास मकानों और अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर खुलासा हुआ है कि डीएम आवास, एसएसपी आवास और नगर आयुक्त आवास बगैर नक्शा पास कराए ही बनाए गए हैं।
नगर निगम पार्षद और आरटीआई एक्टिविष्ट राजेन्द्र त्यागी ने बताया है कि आरटीआई में जीडीए से मिली जानकारी से ज्ञात हुआ है कि डीएम आवास, एसएसपी आवास और नगर आयुक्त आवास का नक्शा पास करने की कोई भी पत्रावली नहीं है। अब सवाल ये उठता है कि जिस प्रकार से आम गरीब लोगों का बिना नक्शा पास कराए मकानों को ध्वस्त किया जा रहा है। ऐसे में सरकारी अफसरों के आवास बिना नक्शा पास कराए बनाए जाने से प्रशासन की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को प्रशासन और नगर निगम की टीम ने गाजियाबाद के अर्थला इलाके में 540 मकानों को अवैध बताते हुए तोडऩे की कार्रवाई शुरू की है। इसी बीच पार्षद राजेन्द्र त्यागी ने आरटीआई के तहत मिली जानकारी का खुलासा करते हुए बताया है कि जीडीए के पास डीएम आवास, एसएसपी आवास और नगर आयुक्त आवास का नक्शा पास करने की कोई भी पत्रावली नहीं है। अर्थात सरकारी अफसरों के आवास भी बिना नक्शा पास कराए बनाए गए हैं। उनका कहना है कि जब नियम कानून आम लोगों पर लागू हो सकते हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है तो आखिर ये नियम-कानून सरकारी आवासों पर क्यों लागू नहीं होते हैं।
जब मकान बनाए गए तब कहां थे अधिकारी
उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में ट्रांस हिंडन इलाके में झील परिसर में बने मकानों को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण और नगर निगम ध्वस्त कर रहा है। जीडीए के मुताबिक यह कालोनी पूरी तरह झील परिसर में बनी है और यह अवैध है। जीडीए का कहना है कि इन लोगों ने किसी तरह की कोई परमिशन नहीं ली थी और न ही कोई नक्शा पास कराया है। उधर नगर निगम का भी यही कहना है कि यहां बने सभी मकान जेल परिसर में बनाए गए हैं, जिसके चलते यह कार्रवाई की जा रही है। इस पर पार्षद राजेंद्र त्यागी का कहना है कि जब यह मकान बनाए जा रहे थे तब सरकारी अधिकारी यानी जीडीए और नगर निगम क्या गहरी नींद में सोए थे, क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में मकान एक-दो दिन में तो नहीं बन सकते हैं। जबकि इस इलाके से रोजाना कई बड़े अधिकारी भी निकलते हैं।
बुधवार को प्रशासन ने तोड़े 20 मकान
बता दें कि एनजीटी ने आदेश दिए थे कि अर्थला स्थित झील में बने मकानों को हटाकर उसके सही स्वरूप में लाया जाए। इसके बाद आचार संहिता हटते ही प्रशासन और नगर निगम की टीम बुधवार को गाजियाबाद के अर्थला इलाके में 540 मकानों को तोडऩे पहुंची थी। इस दौरान लोगों ने आरोप लगाया कि उनके पास बिजली के कनेक्शन और नगर निगम के टैक्स की रसीद तक है तो यह कैसे अवैध हुए। विरोध के बावजूद बुधवार को अर्थला पहुंचे प्रशासन और नगर निगम टीम ने सिर्फ 20 मकानों को तोड़ दिया। साथ ही बाकी लोगों को घर खाली करने के आदेश दिए गए हैं। अर्थला में लोगों के लगातार विरोध के चलते फिलहाल हालात संवेदनशील बने हुए हैं।
Published on:
01 Jun 2019 03:04 pm
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