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सरकार के इन 7 बड़े सुधारों से आसान हुआ पासपोर्ट बनाना

पिछले वर्ष 1.03 करोड़ पासपोर्ट देशभर में हुए थे जारी

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सरकार के इन 7 बड़े सुधारों से आसान हुआ पासपोर्ट बनाना

गाजियाबाद. देश के विकास के साथ ही पिछले कुछ वर्षों में तेजी से मध्यम वर्ग बढ़ा है। वहीं, देश में सेवा क्षेत्र और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विस्तार से रोजगार और पर्यटन के लिए विदेश जाने वाले भारतीयों की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिला है। ऐसे में विदेश यात्रा के लिए जरूरी पासपोर्ट की मांग भी बढ़ गई है। ऐसे में पुरानी प्रक्रिया और सीमित संसाधनों की वजह से होने वाली दिक्कतों से निजात पाने के लिए सरकार ने सात अहम बदलाव किए हैं। इस बदलाव के बाद अब पासपोर्ट बनवाना बहुत ही आसान हो गया है। इस वर्ष के पहले छह महीने में ही 63 लाख पासपोर्ट जारी किए गए, जबकि पिछले साल कुल 1.07 करोड़ पासपोर्ट ही जारी किए गए थे। गौरतलब 1.32 करोड़ आवेदन पिछले साल आए थे, इनमें से 1.07 करोड़ पासपोर्ट जारी हुए। अभी तक देश में 93 पासपोर्ट केंद्र, 36 क्षेत्रीय पासपोर्ट केंद्र और 215 पीओपीएसके का नेटवर्क देश में है। आपको बता दें कि 2 करोड़ पासपोर्ट (दुनिया में सबसे अधिक) प्रतिवर्ष अमरीका में बनते हैं। इसके बाद 1.6 करोड़ पासपोर्ट प्रतिवर्ष जारी करने के साथ चीन दूसरे स्थान पर है। वहीं, 1.03 करोड़ पासपोर्ट के साथ भारत तीसरे स्थान पर है। इस सुधार के बाद अब भारत चीन को पछाड़ सकता है।


ऑनलाइन आवेदन में एप की सुविधा शुरू
पासपोर्ट जारी करने की स्पीड बढ़ाने के लिए सरकार ने हाल ही में पासपोर्ट आवेदन करने के लिए मोबाइल एेप लॉन्च किया है। इस ऐप के जिरए 78 हजार लोग अब तक आवेदन कर चुके हैं। इस एप की खास बात ये है कि इसके जरिए उस पासपोर्ट केंद्र का पता लगा सकते हैं, जहां भीड़ कम है और प्रक्रिया आसानी से आप पूरी कर सकते हैं।

हाइटेक तरीके से होगा पुलिस सत्यापन
देश के 11 राज्यों में मोबाइल एप के जरिए हीपुलिस सत्यापन सत्यापन कर रही है। दक्षिण भारत के कुछ राज्य 5 दिन के भीतर सत्यापन कर रहे हैं। आमतौर पर 12 दिन औसतन दिल्ली में पुलिस सत्यापन के लिए लगते हैं। हालांकि, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्यों में सुरक्षा के कारण कुछ ज्यादा ही देरी होती है।

गृहनगर में आवेदन का झंझट खत्म
अब पासपोर्ट के लिए आवेदक देश में कही भी आवेदन कर सकते हैं। यानी लखनऊ निवासी दिल्ली में भी पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। बाद में पुलिस सत्यापन दिए गए पते पर होगा और पासपोर्ट वहींं पहुंचाया जाएगा।


पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्रों की संख्या बढ़ाई
50 किमी की दूरी पर एक पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके) खोले जा रहे हैं। इनमें से 215 पीओपीएसके अब तक खुल चुके। प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में ऐसे क्न्द्र खोलने की योजना है। फिलहाल 12.5 हजार लोग प्रत्येकर दिन इन केंद्रों पर पासपोर्ट के लिए आवेदनक कर रहे हैं।

पिता के नाम का चक्कर हटा
सरकार ने लोगों को बड़ी राहत देते हुए तलाकशुदा महिलाओं के लिए पति का नाम देना अब अनिवार्य नहीं है। अनाथ बच्चे, साधु और सन्यासी अपने संरक्षक का नाम पिता के स्थान पर लिख सकते हैं।

साक्षात्कार को किया गया आसान
आवेक को पहले साक्षात्कार के लिए पत्र का प्रिंट लेकर जानना पड़ता था, लेकिन अब मोबाइल पर आए एसएमएस को ही इसे काफी माना जाएगा। इसके अलावा निकलते वक्त एक्जिट स्लिप सिस्टम भी समाप्त कर दी गई है।


बड़े अधिकारी का प्रमाण-पत्र जरूरी नहीं
तत्काल श्रेणी के पासपोर्ट के लिए अंडर सक्रेटरी या उससे ऊपर के अधिकारी के प्रमाण-पत्र की बाध्यता खत्म की गई। इसके अलावा निर्धारित 13 दस्तावेजों में से तीन दस्तावेज जमा कराने पर तीन दिन के भीतर पासपोर्ट जारी करने का प्रावधान।


पासपोर्ट की त्वरित सेवा भी हुई शुरू
45 फीसदी तत्काल पासपोर्ट आवेदकों को उसी दिन पासपोर्ट मिल रहा है, जबकि अधिकतम समय तीन दिन रखी गई है। गौरतलब है कि सामान्य श्रेणी के पासपोर्ट जारी करने के लिए 30 दिन निर्धारित हैं। इनमें से 20 दिन का समय पुलिस सत्यापन के लिए लिया जाता है।

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