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योगी सरकार में पांच बड़े घोटाले की शुरू हुई जांच, भ्रष्टाचार के आंकड़े सुनकर हो जाएंगे हैरान

पांच घोटालों को लेकर शासन द्वारा विजिलेंस जांच शुरू कर दी गई है।

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गाजियाबाद। नगर निगम में पूर्व नगर आयुक्त अब्दुल समद के कार्यकाल में हुए डस्टबिन घोटाले, सोलर लाइट खरीद फरोख्त और जमीन से जुड़े कई मामलों की गूंज लखनऊ में शासन तक पहुंच गई है। पांच घोटालों को लेकर शासन द्वारा विजिलेंस जांच शुरू कर दी गई है। तथ्यों की गंभीरता को जानने के लिए विजिलेंस की टीम नगर निगम मुख्यालय पहुंची है। वहीं अचानक से टीम के आने से महकमे में पूरा हड़कंप मचा हुआ है। उधर घोटालों को लेकर वर्तमान नगर आयुक्त ने स्पष्ट किया कि जांच में टीम को पूरा सहयोग किया जाएगा।

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अब्दुल समद के कार्यकाल में सामने आए कई घोटाले

अब्दुल समद के कार्यकाल के दौरान डस्टबिन घोटाला, कंप्यूटर खरीद घोटाला, स्ट्रीट लाइट घोटाला, अवंतिका कॉलोनी को नगर निगम में स्थानांतरित करने और शास्त्री नगर में पुलिया निर्माण के पेमेंट जैसे कई मामले चर्चा में रहे। मेयर ने इन मामलों में जांच का आश्वासन तो दिया, लेकिन किसी का कोई परिणाम अब तक नहीं आया था।

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भाजपा पार्षद ने उठाई थी आवाज

बता दें कि बीजेपी के पार्षद हिमांशु मित्तल ने स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर मार्केट रेट से कई गुणा अधिक दरों पर डस्टबिन खरीद और सोलर लाइट घोटाले के मुद्दे को उठाया था। इसके साथ-साथ उन्होंने ट्रैक्टर के साथ खसरा नंबर 1330 और चिकम्बरपुर में निगम की बेशकीमती जमीनों के घोटाले के मुददों को भी उठाया था। निगम ने उस दौरान 2200 डस्टबिन खरीदे थे। इनकी कीमत नौ हजार रूपये प्रति नग तय की गई थी। जबकि बाजार में इसकी कीमत दो हजार से तीन हजार के बीच थी। तत्कालीन मेयर के साथ शासन में भी पूरे मामले की लिखित शिकायत की गई थी।

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नगर आयुक्त का कहना

नगर आयुक्त चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा कि विजिलेंस टीम के निगम मुख्यालय पर पहुंचने का मामला उनकी जानकारी में है। टीम को जांच में हर स्तर से सहयोग दिया जाएगा। टीम के सदस्यों ने पड़ताल में सहयोग के लिए निगम स्तर से नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाने का आग्रह किया गया। इसके लिए जल्द से जल्द ही अधिकारी तय किया जाएगा।


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