
किसान के शव काे एम्बूलेंस में जाते अन्य किसान
पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
गाजियाबाद ( ghazibad news ) किसान यूपी गेट बॉर्डर पर पिछले 38 दिन से धरने पर बैठे हैं। शनिवार की सुबह अचानक उस वक्त यूपी गेट बॉर्डर पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया जब धरने पर बैठे किसानों ने वहां पर अस्थाई शौचालय में एक किसान के शव को प्लास्टिक की रस्सी से झूलते हुए देखा । जैसे ही किसानों को इसकी जानकारी मिली तो सभी किसान एक जगह एकत्र हो गए और उग्र तेवर में नजर आए। मृतक किसान ने एक पंजाबी भाषा मे सुसाइड नोट भी लिखा जिसमें लिखा गया कि उसकी शहादत बेकार ना जाए और उसका अंतिम संस्कार यूपी गेट बॉर्डर पर ही किया जाए ।
यह भी पढ़ें: अब बैक परीक्षा फार्म की अंतिम तिथि 4 जनवरी
फांसी लगाने वाले किसान ( kisan ) का नाम कश्मीर सिंह था जो बिलासपुर का रहने वाले थे। लगातार दिन में दो किसानों की मौत होने के बाद से किसान सरकार के खिलाफ बेहद आक्रोशित हैं। शुक्रवार काे भी गाजीपुर बॉर्डर पर एक किसान की ठंड के कारण मौत हो गई थी हालांकि बॉर्डर पर स्थिति फिलहाल सामान्य बनी हुई है। इसकी जानकारी जैसे ही गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे और एसएसपी कलानिधि नैथानी को मिली तो वह भी मौके पर पहुंचे और किसानों के गुस्से को शांत कराए जाने का प्रयास किया।
बताते चले कि कृषि कानून को रद्द किए जाने की मांग को लेकर गाजियाबाद के यूपी गेट बॉर्डर पर पिछले 38 दिन से किसान धरने पर बैठे हुए हैं। यहां एक तरफ किसान अपनी बात पर अडिग हैं वहीं दूसरी तरफ सरकार भी झुकने को तैयार नहीं है। सरकार के द्वारा साफ निर्देश दिए गए हैं कि कानून वापस नहीं होंगे इसमें केवल सुधार संभव है। इसको लेकर किसानों और सरकार के बीच कई बार वार्ता भी हो चुकी है लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला है। किसानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। उधर पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के बाद दिल्ली एनसीआर में भी ठंड का प्रकोप खासा बढ़ गया है ।इस कड़ाके की ठंड में किसान खुले आसमान के नीचे धरने पर बैठे हुए हैं।
शुक्रवार को ठंड लगने के कारण एक किसान की यूपी गेट पर मौत हो गई थी वहीं आज दूसरी तरफ मूल रूप से बिलासपुर के रहने वाले किसान कश्मीर सिंह के द्वारा की गई आत्महत्या के बाद यहां सभी किसान बेहद दुखी हैं और किसानों का कहना है कि जिस तरह से कश्मीर सिंह ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसकी शहादत बेकार ना जाए तो उसकी भावना का ख्याल करते हुए यहां धरने पर बैठे सभी किसानों की जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ गई है।
Published on:
02 Jan 2021 10:05 pm
बड़ी खबरें
View Allगाज़ियाबाद
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
